जल स्तंभ 85.37 प्रतिशत रहेगा इससे वर्षा अच्छी होगी
हिंदू नव वर्ष श्री विक्रम संवत् की शुरुवात चैत्र कृष्ण अमावस्या तिथि की समाप्ति 29 मार्च दिन में 04:26 बजे पर होगी इस के साथ ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि आरंभ होगी इसी समय से चंद्रमान से हिंदू नव वर्ष श्री विक्रम संवत् 2081 समाप्त होकर श्री श्री विक्रम संवत् 2082 प्रारंभ हो जायेगा।
नव रात्रि घट स्थापना 30 मार्च रविवार को प्रातः सूर्योदय 06:11 बजे से 10:18 बजे तक फिर अभिजीत मुहूर्त में 11:57 12:47 के बीच श्रेष्ठ है। इस दिन सभी को प्रातः जल्दी उठकर स्नान ध्यान करके साफ नए वस्त्र पहन कर अपने अपने घरों पर ध्वज फहराना चाहिए और वर्ष भर उन्नति के लिए ईश्वर से पूजन ,प्रार्थना,अपने अपने धर्मानुसार अवश्य करना चाहिए ।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी में बताया कि इस बार श्री विक्रम संवत्सर 2082 का नाम सिद्धार्थी है स्वामी सूर्य है जनता में ज्ञान वृद्धि करता है।
इस वर्ष 04 स्थान सौम्य ग्रहों को और 06 स्थान पाप और उग्र ग्रहों को प्राप्त हुए हैं।इस वर्ष का जल स्तंभ 85.37% होने से वर्षा की अधिकता रहेगी अनेक स्थानों पर बाढ़ का खतरा रहेगा जिससे फसलों को हानि होगी।
तृण स्तंभ 100% होने से पशु चारा भरपूर होगा। वायु स्तंभ 10.75% होने से वातावरण में वायु की गति कम रहेगी इससे उमस रहेगी मच्छर,कीड़े मकोड़े का प्रकोप बढ़ेगा। अन्न स्तंभ 21.69% है जो कि कम है अनाज उत्पादन की कमी दर्शाता है अधिक वर्षा से अनाज की फसल नष्ट होने से उनके मूल्य वृद्धि रहेगी । गेहूं,चना, जौ,चावल के मूल्य ऊंचे रहेंगे।
*वर्ष के दशाधिकारियों के फल* :-- जैन के अनुसार 1. वर्ष का राजा सूर्य होने से अनेक स्थानों पर वर्षा की कमी, मनुष्य व पशुओं में रोग ,अग्नि व चोरी की घटनाएं बढ़ेगी किसी वरिष्ठ शासक या नेता का निधन।
2. मंत्री सूर्य का फल - शासकों में आपसी विरोध आरोप प्रत्यारोप बढ़ेगा रोग,चोरी भय गुड़ और रसादि पदार्थों के मूल्य वृद्धि रहेगी।
3. सस्येश बुध का फल - ग्रीष्म ऋतु की फसलें गेहूं,चावल,गन्ना इत्यादि भरपूर उपज होती हैं वर्षा अधिक होती है सुख साधनों की वृद्धि विद्वान धर्म पारायण प्रवृत्ति रहे।
4. धान्येश चंद्रमा का फल - सर्दियों में होने वाली फसलें मूंग, मोठ , बाजरा,सरसों आदि अच्छी हो दूध पर्याप्त मात्रा में होता है जनसंख्या में वृद्धि हो।
5. मेघेश सूर्य का फल - वर्षा कम होगी महंगाई चरम पर होगी राजनीतिज्ञों में आपसी विरोध चरम पर चोरी ठगी, भ्रष्टाचार बढ़ेगी गेहूं,चना, जौ चावल,गन्ना की फसलों अधिक होगी।
6. रसेश शुक्र का फल - शुभ,मांगलिक, धार्मिक आयोजन अधिक होते है कुछ स्थानों पर वर्षा की कमी।गुड़,खांड,रसकस ज्यादा हो शासक वर्ग सुचारू रूप से चलता है।
7. नीरसेश बुध का फल - रोज मर्रे की वस्तुएं रेडीमेड कपड़े होजरी का सामान,शंख,चंदन,सोना,चांदी, तांबा आदि धातुएं,रत्न महंगे होते हैं।
8. फलेश शनि का फल पेड़ो में फलों की कमी। शीत प्रकोप, हिमपात से हानि रोग,चोरी से जनता की परेशानियां बढ़ेगी।
9. धनेश मंगल का फल - गेहूं, चना, धान्य आदि की फसलें असमय वर्षा से खराब होती हैं।व्यापार में उतर चढ़ाव विशेष प्रशासन से जनता दुःखी हो।
10. दुर्गेश शनि का फल - पश्चिमी देश प्रांतों में हिंसा अशांति से जनता त्रस्त रहकर अन्य स्थानों पर पलायन करती हैं।नागरिकों को शत्रु भय । टिड्डी ,चूहों से फसलों की हानि होती हैं।
*श्री विक्रम संवत् 2082 में पड़ने वाले सूर्य एवं चंद्र ग्रहण*
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने कहा श्री विक्रम संवत् 2082 में संपूर्ण भूमंडल पर दो सूर्य ग्रहण तथा दो चंद्र ग्रहण होंगे। भारत में दो चंद्र ग्रहण दिखाई देंगे दोनों सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देंगे।
दोनों खग्रास चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता रहेगी दोनो सूर्य ग्रहणों की धार्मिक मान्यता नहीं रहेगी।
01- खग्रास चंद्र ग्रहण 07 सितंबर 2025 रविवार , भाद्र पद शुक्ल पूर्णिमा को रात्रि 21:57 बजे से 25:27 बजे तक खग्रास चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा इस के साथ नेपाल,भूटान,श्री लंका,बांग्लादेश, पाकिस्तान,ईरान,इराक तुर्की ,जापान,कोरिया,
थाईलैंड,मलेशिया में भी देखा जाएगा।
खग्रास चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात्रि 21:57 बजे से मध्य रात्रि 23:42 बजे एवं मोक्ष रात्रि 25:27 बजे पर होगा। ग्रहण का सूतक मध्याह्न दिन के 12:57 बजे से प्रारंभ होगा।
02 - *खंडग्रास सूर्य ग्रहण* - 21 /09/2025 रविवार आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार भा. स्टैंडर्ड समय के अनुसार रात 23:00 से 27:14 बजे तक होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा भारत में इसका धार्मिक दृष्टि से कोई सूतक पातक नियम मान्य नहीं है।इस ग्रहण को न्यूजीलैंड,ऑस्ट्रेलिया,
अंटार्टिका देशों में देखा जा सकेगा।
03 - *कंकणकाकृति सूर्य ग्रहण* :-
17 फरवरी 2026 फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस्या भा. स्टैंडर्ड समय के अनुसार दोपहर में 15:36 बजे से 19:58 बजे तक विदेशों में कंकनाकृती सूर्य ग्रहण होगा यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए कोई धार्मिक,सूतक, पातक मान्य नहीं है।
04 - *खग्रास / ग्रस्तोदित चंद्र ग्रहण* :- 03 /03/2026 को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को सिंह राशि में भारतीय समय अनुसार दोपहर बाद 15:20 बजे से 18:47 बजे तक खग्रास चंद्र ग्रहण होगा।भारत के अधिकांश भागों में खग्रास /खंडग्रास/ग्रस्तोदित चन्द्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।
खग्रास रूप में अरुणाचल प्रदेश , अंडमान निकोबार, असम,मणिपुर,मेघालय,नागालैंड,मिजोरम,त्रिपुरा एवं पश्चिमी बंगाल।
खंडग्रास - आंद्रप्रदेश,बिहार,पंजाब,हरियाणा,छत्तीस गढ़,दिल्ली,गोवा,पूर्वी गुजरात,हिमाचल, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र का पश्चिमी भाग,उड़ीसा,पांडिचेरी,सिक्किम,तमिलनाडु उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड राजस्थान के कुछ शहरों सहित भारत के अलावा एशिया,ऑस्ट्रेलिया,अफ्रीका,पूर्वी यूरोप आदि में भी दिखाई देगा।
ग्रहण का स्पर्श 15:20 बजे पर मध्य 17:04 बजे मोक्ष 18:47 बजे पर होगा।
सूतक प्रातः 06:20 से प्रारंभ होगा।
*वार्षिक राशिफल श्री विक्रम संवत् 2082*
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया इस वर्ष श्री विक्रम संवत् प्रारंभ होने के साथ ही शनि अपनी राशि कुंभ को छोड़कर गुरु के घर मीन राशि में 29 मार्च 2025 को प्रवेश करेंगे इस से मेष,कुंभ, मीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चलेगी सिंह एवं धनु राशि वाले पर शनि की ढैया चलेगी।
*मेष राशि :-* ( चू, चे, चो,ला,ली, ले, लो,अ)
आपकी राशि मेष का स्वामी मंगल ग्रह है इस वर्ष शनि 30 मार्च 25 से मीन राशि में प्रवेश करने से आप की राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होगी जो साढ़ेसात वर्षों तक चलेगी जो धन खर्च कराएगी। गुप्त शत्रुओं द्वारा कार्य में रुकावटें आएंगी।
राहु 18 मई से कुंभ राशि में लाभ भाव में वर्ष में रहेंगे जबकि गुरु 14 मई से मिथुन राशि में तृतीय स्थान पर रहेंगे।
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष सामान्य रहेगा। पारिवारिक दृष्टि से खर्चे बढ़ेंगे। संतान की चिंता होगी स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। स्थान परिवर्तन के योग हैं। शनि साढ़ेसाती का उपाय करते रहे। अपनी राशि,लग्न,भाग्येश का रत्न धारण करें।
*वृष राशि :- ( ई, उ, ए ,ओ, वा, वी, वू, वे,वो)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में लाभ भाव में प्रवेश करेंगे और राहु 18 मई से दशम केतु चतुर्थ भाव में रहेंगे।
गुरु 14 मई को मिथुन राशि में द्वितीय भाव में रहेंगे ।
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष में धन लाभ रहेगा। आय के नए स्रोत से लाभ प्राप्त होगा और व्यापार में सफलता प्राप्त होगी नौकरी करने वालों को मई से मान सम्मान प्राप्त होगा। आर्थिक दृष्टि से वर्ष अनुकूल रहेगा अचानक लाभ भी मिल सकते हैं। घर परिवार की दृष्टि से समय अनुक रहेगा संतान की दृष्टि से वर्ष सामान्य रहेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वर्ष सामान्य ही रहेगा।
केतु ग्रह की शांति के लिए पक्षियों को दाना डाले अपनी राशि, लग्न का रत्न धारण करें।
*मिथुन राशि :- (क, की, कू, घ,ड,छ, के,को,ह)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में दशम भाव में केतु 18 मई से सिंह राशि में तृतीय पराक्रम भाव में रहेंगे और गुरु 14 मई से प्रथम भाव में पूरे वर्ष भर गोचर करेंगे।
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष अच्छा रहेगा। तृतीय में केतु से पराक्रम वृद्धि,यात्राओं से लाभ, भाई - बहिनों को उन्नति के अवसर मिलेंगे। गुरु की सप्तम दृष्टि सप्तम भाव पर से विवाह,संतान लाभ के योग भी हैं।
परिवार की दृष्टि से वर्ष अनुकूल रहेगा भाई बहनों का सहयोग प्राप्त होगा संतान की दृष्टि से वर्ष अच्छा रहेगा संतान की उन्नति होगी
स्वास्थ्य की दृष्टि से आप मानसिक संतुष्ट रहेंगे प्रतियोगी परीक्षाओं में इस बार सफलता मिल सकती है। अपनी राशि का रत्न पन्ना धारण करना चाहिए।
कर्क राशि:- ( हि, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)* इस वर्ष 30 मई से शनि मीन राशि में प्रवेश करने से आप की राशि पर से शनि की लघु ढैया समाप्त होगी किंतु
राहु 18 मई से आठवें रहने से ,गुरु 14 मई से द्वादश स्थान में रहने से व्यवसाय की दृष्टि से संभल कर कार्य करे वर्ना हानि के योग हैं।
मेहनत अधिक लाभ की प्राप्ति कम ही होगी। परिवार की दृष्टि से वर्ष सामान्य ही अनुकूल रहेगा कभी कभी अशांति का वातावरण रहेगा।
बच्चों को अपने परिश्रम के बल पर ही आगे बढ़ना चाहिए।
स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष सामान्य रहेगा मानसिक कभी-कभी परेशानी रह सकती है आलस और चिंता भी कभी-कभी परेशान करेगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वर्ष बहुत अच्छा नहीं कह सकते है। अपनी राशि का रत्न मोती चांदी में धारण करें।पुखराज भी पहन सकते है।
*सिंह राशि:- (मा,मी,मू, में,मो,टा, टी,टू, टे)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में अष्टम भाव में से शनि की लघु ढैया चलेगी और राहु ,केतु 18 मई से आप की राशि से प्रथम भाव में रहेंगे ।
गुरु 14 मई से मिथुन राशि में लाभ भाव ने गोचर करेंगे। व्यवसाय ,रोजगार,
सर्विस की दृष्टि से वर्ष अच्छा रहेगा कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। रोजगार में उन्नति प्राप्त करेंगे।
आर्थिक दृष्टि से वर्ष अच्छा रहेगा।
घर परिवार एवं समाज की दृष्टि से वर्ष सामान्य अनुकूल ही बनपावेगा भाग दौड़ ज्यादा रहेगी। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
संतान के लिए वर्ष अच्छा है संतान की उन्नति होगी। शनि,राहु,केतु का दान पदार्थों को करे अपनी राशि का रत्न माणिक्य अनामिका में धारण करे गो शाला में गायों के लिए चारा खिलाए।
*कन्या राशि:- (टो पा, पी, पू,ष,ण,ठ,पे,पो)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में सप्तम भाव में और राहु 18 मई से कुंभ राशि में षष्ठ भाव में केतु 18 मार्च से द्वादश में रहेंगे। गुरु 14 मई से मिथुन राशि में दशम भाव में गोचर करने से व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष आपके लिए सामान्य रहेगा। आपको परिश्रम के बल पर कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
कुछ व्यापार रोजगार सर्विस में उतार चढ़ाव भी शनि व केतु की वजह से देखने को मिलेंगे ।
धन के मामले में वर्ष में कभी कभी हानि के सामान्य योग रहेगा।
घर पारिवारिक रूप से वर्ष सामान्य अनुकूल रहेगा।
स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव बना रहेगा केरियर एवं प्रतियोगिता परीक्षा के लिए वर्ष लाभकारी हो सकता है। राशि रत्न पन्ना धारण करें। गायों को हरी घास खिलाते रहे। पक्षियों को बाजरा आदि दाना डाले।
तुला:- (रा,री,रु,रे,रो,ता,ती,तू, ते)* इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में षष्ठ भाव में और राहु 18 मई से कुंभ राशि में पंचम केतु लाभ भाव में सिंह राशि में रहेंगे।
गुरु 14 मार्च से मिथुन राशि में नवम भाव में गोचर करेंगे।
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष अनुकूल रहेगा।
अध्यात्म ,तीर्थ स्थलों में रुचि बढ़ेगी।संतान की उत्पत्ति,उन्नति होगी संतान को रोजगार के नए स्रोत मिलेंगे।
धन संपत्ति के संदर्भ में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा जीवन साथी एवं बड़े भाइयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
परिश्रम के बल से प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी।
स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल रहेगा प्रतियोगिता परीक्षा के लिए यह वर्ष अच्छा है। राशि रत्न हीरा धारण / उपरत्न पहने गो शाला में गायों को भूषा शुक्रवार को दान करते रहे।
*वृश्चिक:- ( तो,ना, नी, नू,ने,नो,या,यी, यू)*
शनि 30 मार्च से मीन राशि में पंचम भाव में और राहु 18 मई से चतुर्थ भाव में रहेंगे वर्ष में गुरु 14 मार्च से मिथुन राशि में आठवें भाव में गोचर करेंगे।
राहु एवं गुरु के प्रभाव से
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष बहुत अच्छा नहीं रहेगा आपके कार्य क्षेत्र में गुप्त शत्रुओं द्वारा रुकावट डाली जा सकती है जिससे आप अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में कठिनाइयों का अनुभव करेंगे। श्रम संघर्ष ज्यादा लाभ की कमी रहेगी। स्थान परिवर्तन और घरेलू हिंसा,अशांति से भय की स्थिति बनी रहेगी।
संतान के श्रम सहयोग से धन की पूर्ति होगी।
संतान की कैरियर की चिंता रहेगी स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष उत्तम नहीं रहेगा छोटी मोटी बीमारियों से आप प्रभावित होते रहेंगे । राशि रत्न मूंगा धारण करे। गो शाला में गायों को गेहूं का भूषा,गुड़,मलका मसूर खिलाया करे।
*धनु राशि:- (ये,यो,भा, भी, भू,धा,फा, ढा, भे)* शनि 30 मार्च से मीन राशि में चतुर्थ भाव में और राहु तृतीय पराक्रम भाव में रहेंगे।
गुरु 14 मार्च से मिथुन राशि में सप्तम भाव में रहेंगे।
व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष आमदनी के नए स्रोत मिलने की उम्मीद है। इस अवधि में कोई नया कार्य आप आरंभ करेंगे उसमें सफलता मिलेगी आर्थिक दृष्टि से वर्ष अनुकूल रहेगा।
पराक्रम स्थान पर राहु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से धनागम में निरंतरता बनी रहेगी। पत्नी को रोजगार की प्राप्ति, उन्नति ,अविवाहितों के विवाह के योग बनेंगे। बच्चों के शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छा लाभ प्राप्त होगा स्वास्थ्य की दृष्टि से मानसिक रूप से शनि कभी कभी अशांत करेंगे। फिर भी सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होगी। राशि रत्न पुखराज/ सुनहला धारण करे। केशर का माथे पर तिलक लगाया करे।
*मकर राशि:- (भो,जा,जी,खी, खू,खे, खो, गा, गी)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन मीन राशि में तृतीय भाव में और राहु द्वितीय केतु सिंह राशि में अष्टम भाव में रहेंगे।
गुरु 14 मार्च से मिथुन राशि में षष्ठ भाव में रहने से नए रोजगार, व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष बहुत अच्छा फल देने वाला साबित होगा।
समय-समय पर उच्च अधिकारियों से भी आप को लाभ प्राप्त होता रहेगा । नए रोजगार ,व्यापार के स्त्रोत बढ़ेंगे।
कार्य कुशलता एवं दक्षता के बल पर आप अपनी समस्याओं का समाधान भी निकाल लेंगे।
धन की दृष्टि से वर्ष अनुकूल रहेगा परंतु खर्चों की वृद्धि रहेगी।कभी कभी गुप्त चिंता,अधिक श्रम से शरीर में थकान,कमजोरी रहेगी। संतान के लिए वर्ष का आरंभ सामान्य रहेगा। राशि रत्न नीलम धारण करें गायों को घास खिलाते रहे।
*कुंभ राशि :- (गू ,गे, गो,सा,सी,सू,से,सो,दा)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में द्वितीय भाव में और राहु 18 मई से कुंभ राशि में आप की राशि के साथ ही रहेंगे। गुरु 14 मई से मिथुन राशि में पंचम भाव में
शनि का उतरता साढ़े साती रहेगी। जोखिम वाला वर्ष रहेगा जोखिम के कार्यो से व्यापार में बचें। पंचम स्थान पर गुरु व्यापार में अच्छे लाभ की उम्मीद है । संतान की उन्नति ,संतान को विद्या,प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त होगी।
बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढ़ेंगे। स्वास्थ्य के लिए वर्ष बहुत अच्छा नहीं रहेगा। शनि,एवं राहु, केतु के उपाय करते रहे। राशि रत्न नीलम 7 रत्ती चांदी में धारण करे। गरीबों में गर्म वस्त्र जैसे कम्बल,तिल गुड़ के लड्डू दान करे। केशर ,चंदन का माथे पर तिलक लगाए।
*मीन राशि:- (दी, दू,थ, झ, दे, दो, चा, ची)*
इस वर्ष शनि 30 मार्च से मीन राशि में राशि में शनि की बीच की साढ़ेसाती चलेगा।
राहु 18 मार्च से द्वादश रहेंगे।
गुरु 14 मई को मिथुन राशि में चतुर्थ भाव में चलेंगे।
रोजगार, व्यवसाय,प्रतियोगिता की दृष्टि से यह वर्ष बड़ा असामान्य रहेगा। श्रम ,संघर्ष बाला रहेगा।शनि व राहु के साढेसाती के प्रभाव से आपको अपने काम में कठिनाइयों का अनुभव होगा। खर्च अधिक होगा गुप्त शत्रुओं द्वारा रुकावटें भी डाली जाएंगे। इसलिए किसी पर विश्वास किए बिना आप किसी को आर्थिक धन उपलब्ध न करें वर्ना वापस नहीं आयेगा। धन संपत्ति की दृष्टि से वर्ष का आरंभ समान ही रहेगा घर परिवार एवं समाज की दृष्टि से आपको बड़ा धैर्य रखना चाहिए। अपमान अपयश प्राप्त हो सकता है। संतान के लिए वर्ष अनुकूल है बच्चों की उन्नति की आशा की जा सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको परेशानियां हो सकती हैं ध्यान रखें।
शनि व राहु का उपाय करते रहे। अपनी राशि रत्न पुखराज ,लग्न, भाग्य के रत्न धारण करे। केशर का तिलक माथे पर लगाए।