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भागवत कथा संसार से पार करने वाली नौका-गोपालशरण

ग्वालियर।   केन्द्रीय कारागार ग्वालियर में गुरुवाणी सेवाट्रस्ट द्वारा श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा ही जिसमे कथा व्यास संत गोपालशरण महाराज द्वारा जय जय राधारमण गिरधारी भक्ति संगीत के साथ कथा का प्रारंभ किया गया l  जिस पर उन्होंने सर्वप्रथम संत और सत्संग के बारे में बंदियों को बताया कि संतो का सानिध्य पाने के लिए सतसंग जरुरी है क्यूंकि मनुष्य का जन्म बारबार नहीं मिलता मनुष्य के जन्म के लिए देवी-देवताओं को भी बड़े प्रयत्न करना पड़े कहा, जाता है कि “बड़े भाग मानुश तन पावा” इसलिए इस योनी में जो आप कर रहे हो वह आपका प्रारब्ध है जिसमे किसी का दोष नहीं है लेकिन हम ऐसा कार्य करें जिससे हमारा ही नहीं सभी का कल्याण हो और सुख की अनुभूति हो l व्यास जी महाराज ने माया के रूपों का भी वर्णन करते हुए बताया कि माया की तीन रूप है-महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती जो संभव को असंभव और असंभव को संभव बना देती है l वहीँ भागवत कथा के लेखन और गायन कला के बारे में भी विस्तार से बताया l व्यासजी महाराज ने धुंधकारी की कथा एवं सुखदेव आगमन के साथ कल्याणकारी कथा का विवरण करते हुए आगे कहा कि भागवत कथा के श्रवणमात्र से मनुष्य अपने जीवन की नौका को तार सकताहै l वैसे मनुष्य अपने पतन और उद्धार का स्वयं ही कारण है l लेकिन भागवत कथा ऐसा ग्रन्थ है जो सभी कष्टों को दूर करता है l 

आज की आरती मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित गोपाल महाराज भागवत कथा के यजमान जेल अधीक्षक मनोज कुमार रश्मि साहू, संयोजक परमानन्द साहू , उपअधीक्षक प्रभात कुमार, सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह, सहायक जेल अधीक्षक विपिन दण्डोतिया, गिर्राज शर्मा, मुरारीलाल पराशर, राजेश सिंह कुशवाह  सहित केन्द्रीय कारागार में उपस्थित सभी कर्मचारी एवं बंदियों ने भी भागवत कथा का आनंद उठाया l  

कल कथा के दूसरे दिन शिव विवाह की लीला का वर्णन किया जायेगा एवं महाआरती ग्वालियर आई.जी. राजाबाबू सिंह करेंगे l

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