जेयू में चल रही तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय काॅन्फ्रेंस का समापन
ग्वालियर। जिस तरह से अकादमिक लाइब्रेरी में आरएफआईडी, बारकोड जैसी तकनीकी का विकास हो रहा है, उस हिसाब से लोगों को इसकी सुविधा मिलनी भी चाहिए। उपलब्ध होने वाली पूरी जानकारी को डेटा के रूप में अपडेट करने की जरूरत है, जिससे वह जानकारी लंबे समय तक सुरक्षित रह सके। हालांकि तकनीकी ने सबकुछ आसान बना दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम उसी तकनीकी पर पूरी तरह से निर्भर हो जाएं। कुछ समय बुक्स के लिए भी निकालें।
यह बात फ्रांस से आए प्रो. जीन चाल्र्स ने कही। वह जीवाजी यूनिवर्सिटी की पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला द्वारा ‘ एकेडमिक लाइब्रेरीजः लेटेस्ट ट्रेंड्स, चैलेंजेज एंड अपाॅच्र्युनिटीज’ (शैक्षणिक पुस्तकालयः नवीनतम रूझान, चुनौतियां और अवसर) विषय पर अंतरराष्ट्रीय काॅन्फ्रेंस के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
इस दौरान बेस्ट टीचर अवार्ड डाॅ. भीमराव अंबेडकर यूविर्सिटी लखनऊ से आए डाॅ. एमपी सिंह को, जबकि बेस्ट यंग रिसर्चर का अवार्ड जएनयू दिल्ली के डाॅ. सोमेश विश्वकर्मा को दिया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थाइलैंड से आईं राबियाब रहीं। कार्यक्रम में समाजसेवी डाॅ. केशव पांडेय, शिक्षाविद डाॅ. उमाशंकर पचैरी, डाॅ. कमलेश उदैनिया, जेयू की ओर सेप्रभारी रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह चैहान, असिस्टेंट रजिस्ट्रार अमित सिसौदिया, कार्यपरिषद सदस्य अनूप अग्रवाल, प्रो. हेमंत शर्मा, कैट के सचिव मुकेश अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद रहे।
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