(खुशियों की दास्तां ) बेसहारा बच्चे छात्रावास में पढ़ाई-लिखाई के साथ सीख रहे हैं रोजगार का हुनर


ग्वालियर । जिले में सर्वशिक्षा अभियान के तहत संचालित छात्रावास में रहकर बेसहारा बच्चे पढ़ाई-लिखाई के साथ रोजगार के भी हुनर सीख रहे हैं, जिससे बेसहारा बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें रोजगार हेतु भटकना नहीं पड़ेगा और आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
   सर्वशिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक विद्यालय पागनबीसी में संचालित छात्रावास में रह रहे छात्रों के साथ 6 ऐसे बेसहारा छात्र हैं जो किसी कारण से पढ़-लिख नहीं सकते थे। ऐसे छात्रों को चाईल्ड लाईन के माध्यम से एक छात्रावास में भर्ती कराया गया है। ये छात्र 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के कक्षा-1 से 8 तक की कक्षाओं में प्रवेश लेकर अपना अध्यापन कार्य कर रहे हैं। जिसमें वंश (पंजाब), मंगल (ग्वालियर), आकाश (मुरार), इरफान (ग्वालियर), राज एवं राजू विभिन्न स्थानों से उन्हें छात्रावास में भर्ती कराया गया। यह छात्र पढ़ाई-लिखाई के साथ हथकरघा का प्रशिक्षण प्राप्त कर  चादर एवं तौलिए भी बना रहे हैं। इन बच्चों का सर्वांगीण विकास हो, इसके लिए पढ़ाई-लिखाई के साथ खेलकूद पर भी ध्यान दे रहे हैं।
   छात्रावास के वार्डन श्री योगेश कुमार गुप्ता ने बताया कि छात्रावास में छात्रों के साथ विभिन्न स्थानों से आए 6 बेसहारा बच्चे भी अध्ययन कर रहे हैं। इन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ लूम पर चादर एवं तौलिए एवं अन्य सामग्री बनाने का भी हुनर प्रशिक्षक शिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है। जिससे ये जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी पढ़ाई-लिखाई के बाद रोजगार के लिए भटकना न पड़े। उन्होने बताया कि अधिकांश बच्चे ऐसे हैं जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे थे या बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है, इन बच्चों के लिए छात्रावास में भोजन ठहरने के साथ पढ़ाई-लिखाई की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है और प्रतिमाह शिष्यवृत्ति भी प्राप्त हो रही है।
 


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