नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने लोगों को घर में बने कपड़े का मास्क लगाने की सलाह दी है और कई राज्यों ने घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन सवाल यह है कि कपड़े का मास्क संक्रमण को रोकने में कितना कारगर साबित होगा। इस मुद्दे पर अमेरिका के अटलांटा स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) का मानना है कि कपड़े का मास्क कोविड के संक्रमण से बचाव नहीं करता है, लेकिन इसके फैलाव को रोकने में कारगर है।
सीडीसी ने हाल ही में जारी अपने दिशानिर्देश में कुछ सावधानियों के साथ कपड़े का मास्क लगाने को फायदेमंद माना है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित शोध में सीडीसी अटलांटा के दिशानिर्देशों का जिक्र है। इसके अनुसार कपड़े के मास्क को शर्तों के साथ पहनने से लाभ है।
कपड़े का मास्क कोविड के संक्रमण से बचाव नहीं करता, लेकिन यदि किसी व्यक्ति में संक्रमण है और उसने कपड़े का मास्क पहन रखा है तो उससे दूसरे व्यक्ति में फैलने की आशंका कम रहती है। क्योंकि उसके छींकने या खांसने के दौरान ड्रॉपलेट्स के हवा में जाने के आसार कम रहते हैं। इन्हीं ड्रॉपलेट्स में वायरस हवा में जीवित रहता है। बीएमजे ने ऑस्ट्रेलिया में 2009 में इन्फ्लुएंजा फैलने के दौरान समेत कुल 31 अध्ययनों और मास्क के 12 मेडिकल ट्रायल के हवाले से कहा कि मास्क नहीं पहनने की तुलना में कपड़े का मास्क *पहनना लाभदायक पाया गया है।
सर्जिकल मास्क नहीं लगाएं: सीडीसी ने कहा है कि आम लोग कपड़े का ही मास्क इस्तेमाल करें और सर्जिकल मास्क नहीं लगाएं क्योंकि इससे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क की कमी हो जाती है। दूसरे मास्क का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए तथा इसे उन छोटे बच्चों को नहीं पहनाया जाए जो इसे खुद उतार पाने में सक्षम नहीं हों।
बचाव नहीं होता: वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो और मास्क नहीं पहना हो और वह छींकता है तो उसके समीप कपड़े का मास्क पहनकर खड़े व्यक्ति का बचाव नहीं होता है। लेकिन सीडीसी ने कहा कि कपड़े के मास्क के साथ छह फुट की सामाजिक दूरी के प्रावधान का पालन किया जाए तो यह लाभकारी है।
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