लॉकडाउन : पुणे में औद्योगिक गतिविधियों के फिर शुरू होने की अभी उम्मीद कम

पुणे, 23 अप्रैल  महाराष्ट्र के पुणे जिले में औद्योगिक गतिविधियों के अभी फिर से शुरू होने की उम्मीद कम है क्योंकि एमआईडीसी इलाके में काम करने वाले अधिकतर लोग शहर में रहते हैं या पिंपरी-चिंचवाड़ कस्बे में, जो कोविड-19 महामारी के प्रकोप से जूझ रहे हैं। पुणे शहर और पिंपरी-चिंचवाड़ को कोरोना वायरस मामलों की संख्या बढ़ने और उससे मौत होने के बाद निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।चाकन उद्योग संघ के सचिव दिलीप बटवाल ने कहा, “कोरोना वायरस मामलों के हॉटस्पॉट पुणे और पीसीएमसी इलाकों में आवाजाही पर पाबंदियां हैं, ऐसे में संस्थाओं के लिये अपने कामगारों को कारखानों तक लाना असंभव है क्योंकि जिला प्रशासन इसके लिये इजाजत नहीं देगा।”उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने इस शर्त पर औद्योगिक गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी है कि संस्थाएं हॉटस्पॉट वाले इलाकों से कामगारों का परिवहन नहीं करेंगी और उन्हें अपने संयंत्र में ही कर्मचारियों के खाने और ठहरने का प्रबंध करना होगा।उन्होंने कहा कि अधिकतर कंपनियों के लिए ऐसा करना संभव नहीं है और ऐसे में बंद के खत्म होने तक इंतजार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। कल्याणी हेज व्हील्स लिमिटेड के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख नरेंद्र पाटिल ने कहा कि उनके अधिकतर कर्मचारी पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में रहते हैं और उन्होंने तीन मई तक काम शुरू नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि चाकन इलाके में स्थित उनके संयंत्र में काम करने के लिये 350 मजदूर पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ से आते हैं। उन्होंने कहा, “हमनें मशीनों की देखभाल के लिये संयंत्र में 35 कर्मचारियों के ठहरने के लिये इजाजत मांगी है जिससे तीन मई के बाद जब काम शुरू हो तो सुचारू रूप से संचालन हो सके।”पुणे में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अधिकतर कंपनियां पिंपरी, चिंचवाड़ और भोसारी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित हैं जो कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर निषिद्ध क्षेत्र हैं। ऐसे में काम शुरू करना मुश्किल होगा।


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