म्यूचुअल फंडों पर नकदी के दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अहम फैसला लिया है. आरबीआई ने म्यूचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ के विशेष नकदी सुविधा का ऐलान किया है. आरबीआई के इस फैसले का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है.
इसके तहत बैंक 90 दिन का फंड भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो विंडो से ले सकते हैं और इसका इस्तेमाल सिर्फ म्यूचुअल फंड को कर्ज देने या उनके पास मौजूद कॉरपोरेट पेपर खरीदने में कर सकते हैं. यह योजना 27 अप्रैल से 11 मई तक चालू रहेगी. पी. चिदंबरम ने कहा कि मैंने दो दिन पहले ही चिंता जताई थी, हमारी फिक्र पर आरबीआई ने ध्यान दिया और यह फैसला लिया.
पिछले हफ्ते फ्रैंकलिन टेंपलटन फंड हाउस ने अपने 6 डेट स्कीम बंद कर दिए थे, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों का पैसा फंस गया. कोरोना वायरस संकट की वजह से इस फंड हाउस को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ा.
फ्रैंकलिन टेंपलटन के इस फैसले की वजह से निवेशकों के करीब 28 से 30 हजार करोड़ रुपये अटक गए हैं. इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का बयान आया. चिदंबरम ने 2008 की मंदी के दौरान इसी तरह के संकट का जिक्र किया. इसके साथ ही बताया है कि तब की यूपीए सरकार ने कैसे इस मामले को संभाला था.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, 'म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा की रिजर्व बैंक की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं.
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