नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात पर लगातार नजर रखे हुए हैं कि लॉकडाउन के दौरान कहीं प्राइवेट सेक्टर में लोगों की सैलरी तो नहीं कटने लगी है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने देश भर में रीजनल प्रोविडेंट फंड आफिस के साथ ही राज्य कर्मचारी बीमा निगम से संगठित क्षेत्र में नौकरियों के नुकसान और सैलरी में कटौती का आंकड़ा मांगा है। इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार पर प्रधानमंत्री दफ्तर को दी जाएगी। बता दें मोदी ने इंडस्ट्री से कहा था कि संकट के इस दौर में सेंटर कर्मचारियों की छंटनी ना की जाए। उनकी सैलरी भी ना काटी जाए।
यह भी निगरानी
अधिकतर कंपनियों में महीने के अंतिम दिन या अगले महीने की सात तारीख को वेतन दिया जाता है। अगर वेतन देने में देरी हुई है तो इसकी भी जानकारी सरकार को दी जाएगी। इस मामले में विभागों से कहा है कि वे उनसे बात करें जिनको सैलरी मिलती है। नौकरी के नुकसान या सैलरी में कटौती से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए देश भर में बीस कॉल सेंटर बनाए गए हैं। इन कॉल सेंटर से मिली जानकारी को भी रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
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