नई दिल्ली. भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. अब तक देश में 28390 कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. 886 लोग जान भी गंवा चुके हैं. हालांकि, अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना के संक्रमण फैलने की गति अभी भी काफी धीमी है. इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि जो लोग कोरोना के संदिग्ध हैं या जिनमें इस महामारी के हल्के लक्षण हैं, उन्हें घर पर ही क्वारंटाइन किया जा सकेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार देर रात इस बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं. निर्देश में कहा गया है कि अगर कोरोना का संदिग्ध व्यक्ति और हल्के लक्षणों वाले रोगियों के पास घर में आइसोलेट होने की जगह है. साथ ही उनके साथ 24 घंटे देखरेख करनेवाले लोग उपलब्ध हैं, तो ऐसे मरीज अपने घर पर ही क्वारंटाइन में रह सकते हैं.
इसके लिए क्या करना होगा?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इसके लिए रोगी को खुद आकर अपने बीमारी की जानकारी देनी होगी और ये बताना होगा कि वह अपनी मर्जी से घर पर ही आइसोलेट होना चाहता है. अभी तक के नियमों के हिसाब से संदिग्ध रोगियों और हल्के लक्षणों वालों को कोविड केयर सेंटर में रखने का प्रावधान है.
ये हैं होम आइसोलेशन के लिए दिशा-निर्देश
-नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड महामारी के रोकथाम के चरण के दौरान लक्षणों मरीजों के आधार पर डायग्नोस्टिक प्रोसेस के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाना चाहिए.
-बहुत हल्के/हल्के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में, मध्यम स्तर के रोगियों को कोविड हेल्थ सेंटर और गंभीर श्रेणी के रोगियों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए.
-हालांकि, बहुत हल्के/प्री सिम्प्टोमैटिक मामलों में रोगियों के पास अपने घर पर ही सेल्फ क्वारंटाइन और आइसोलेशन का ऑप्शन है.
कब तक आइसोलेशन में रहना होगा?
वैसे तो आइसोलेशन की अवधि दो हफ्ते से चार हफ्ते है. अगर रोगी का इलाज करने वाले डॉक्टर जांच के बाद लिख देंगे कि अब वह संक्रमण मुक्त है, तो वह आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं.
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