ग्वालियर। रोहिणी नक्षत्र और अक्षय तृतीया की वजह से देश और विश्व के लिए आने वाला समय सुखदायक होने के योग बन रहे हैं। रविवार 26 अप्रैल को बैशाख मास की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है ।इस साल आखतीज पर स्वराशि शुक्र के साथ चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का योग है यह योग लाभदायक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार अक्षय तृतीया पर शुक्र चंद्र की युति वृषभ राशि में रहेगी वृषभ शुक्र की राशि है और चंद्र की उच राशि है इस दिन नक्षत्र भी रोहिणी रहेगा यह योग अब से पहले 23 वर्षों के बाद बना है 9 मई 1970 को भी ऐसे योग में अखा तीज आई थी उस समय भी गुरु नीच राशि का मकर राशि में ही था इस तिथि में दान करने का विशेष महत्व होता है। सोनी ने बताया आखतीज पर रोहणी नक्षत्र ना हो तो बुरी शक्तियों को बल मिलता है लेकिन इस साल अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा इस नक्षत्र में चंद्रमा वृष राशि में होता है ।वृषभ चंद्रमा की उच्च राशि है चंदना वनस्पतियों का स्वामी होने के साथ ही धन और मन का कारक भी होता है अक्षय तृतीया को रोहिणी नक्षत्र होने से देश और विश्व के लिए आने वाला समय शुभ कारक होने के योग हैं। इसमें फैली हुई महामारी का प्रकोप का असर कम होने लगेगा इसी दिन शनि भी अपनी स्वयं की राशि में रहेगा और सूर्य और मंगल उच्च के रहेंगे गुरु नीच के रहेंगे।
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