मुंबई
देश में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में सबसे ऊपर मुंबई में अगले हफ्ते से कोरोना के नए मामलों के सामने आने में कमी आ सकती है। बीएमसी के नए प्रोटोकॉल के बाद अब मुंबई में कोरोना टेस्ट सिस्टम को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया है, जिसके कारण अब नए मरीजों की संख्या कम होने की बात कही जा रही है। हालांकि ऐसा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं, बल्कि टेस्ट के सिस्टम के बदलने के कारण होगा। बीएमसी का मानना है कि कोरोना के संक्रमित मरीज के अंदर बीमारी के लक्षण 5वें से 14वें दिन के बीच उभरते हैं, ऐसे में किसी मरीज के संपर्क में आए ऐसे लोग, जिनमें कोरोना के लक्षण ना दिखाई दे रहे हों उनकी जांच पांच दिन की निगरानी के बाद ही की जाएगी।
दरअसल बीएमसी के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि अब वह कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिवार के ऐसे लोगों की तत्काल जांच नहीं करेगी, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण ना हों। बीएमसी ने हाल ही में अपने एक सर्कुलर में कहा है कि कोविड-19 के मरीजों के संपर्क में आए ऐसे लोग जिनमें तत्काल कोरोना के लक्षण नहीं मिलते हैं, उनके टेस्ट पांच दिनों की मॉनिटरिंग के बाद कराए जाएंगे। ये सर्कुलर आईसीएमआर की उस गाइडलाइन के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 के मरीज के संपर्क में आए हाई रिस्क वाले लोगों के टेस्ट पांच दिन की निगरानी के बाद किए जाएं। ऐसे में अगर बीएमसी कम टेस्ट करती है तो ये बिल्कुल हो सकता है कि कोरोना के नए मामले कम रिपोर्ट हों।
हर रोज 2200 लोगों के टेस्ट
बुधवार तक मुंबई में 1936 कोरोना पॉजिटिव केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं। इसके अलावा शहर में 43 हजार 249 मरीजों को क्वारंटीन में रखा गया है। क्वारंटीन किए गए लोगों में 3271 लोग ऐसे हैं, जिन्हें सरकारी क्वारंटीन फसिलटी में रखा गया है। अब तक बीएमसी ने 30 हजार से अधिक टेस्ट किए हैं और हर रोज करीब 2200 लोगों के कोरोना टेस्ट कराए जा रहे हैं।
5 से 14 दिनों में उभरते हैं लक्षण
मुंबई के म्युनिसिपल कमिश्नर प्रवीण परदेसी का कहना है कि कोरोना के संक्रमित लोगों का टेस्ट तभी सफल होता है, जबकि इसे सही वक्त पर किया जाए। संभावित संक्रमण के शुरुआती दिनों में भी टेस्ट हो जाने पर कोरोना के मरीजों का पता नहीं चल पाता, क्योंकि इसके लक्षण 5 से 14 दिन के भीतर सामने आते हैं। ऐसे में अगर पांच दिन की निगरानी के बाद टेस्ट किए जाते हैं तो इससे सही पॉजिटिव केसों का पता चल सकेगा और लोगों को बचाया जा सकेगा। हालांकि बीएमसी ये जरूर सुनिश्चित करेगी कि कोरोना हाई रिस्क और लो रिस्क दोनों कैटिगरी के संदिग्ध लोग क्वारंटीन में रखे जाएं और इनसे संक्रमण फैलने की स्थितियां ना बनें।
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