भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बारिश और ओलावृष्टि से कई जिले परेशान हुए हैं। इस बीच मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 9 मई से 12 मई के बीच एक बार बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। इससे फसलों को एक बार फिर नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल अगले 24 घंटों के दौरान तेज हवा के साथ कई जिलों में बारिश का भी पूर्वानुमान जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश होगी और कुछ जिलों में आंधी चलेगी। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। बारिश और ओलावृष्टि के बीच अब आंधी तूफान का खतरा उत्पन्न हो गया है।
9 से 11 के बीच होगी बारिश मौस विशेषज्ञ नायक के मुताबिक 9 से 11 मई के दौरान मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इसके साथ ही अगले 24 घंटों के दौरान रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, रायसेन और सीहोर जिले में कहीं-कहीं बारिश होगी या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कहीं-कहीं ओलावृष्टि के भी आसार हैं।
यहां चलेगी तेज आंधी मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी कर कहा है कि प्रदेश के रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, बालाघाट, रायसेन और सीहोर जिले में कहीं-कहीं तेज हवा चलेगी और गरज-चमक के साथ आंधी चलेगी। हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हो सकती है।
पिछले 24 घंटों का हाल मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान रीवा, सागर और शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्तानों पर, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन एवं भोपाल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई। शेष संभागों के जिलों का मौसम शुष्क रहा।
यहां भी हुई बारिश प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अमरकंटक में 5, खजुराहो में 4, उमरिया, अजयगढ़, कोतमा, सिंगरौली में 2, नौगांव, राजनगर, कटनी, पन्ना, रीवा, गुढ़, रामनगर, सतना, बलदेवगढ़, मंदसौर, जावद, शिवपुरी, करेरा, पिछोर और कोलारस में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
45 पार पहुंचा तापमान मई के शुरुआत में प्रदेश के तापमान में उछाल आया है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तापमान बढ़ गया है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 45 डिग्री खरगौन का दर्ज किया गया है।
आधी रात को आंधी ने मचाई तबाही सतना और अनूपपुर जिलों में मौसम में आया बदलाव जिले के लिए आफत बन गया। विवार-सोमवार की दरमियानी रात चलती तेज हवाओं और बारिश ने परेशानी और बढ़ा दी। 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाओं से 24 से अधिक कच्चे मकान ढह गए, तो सैंकड़ों पेड़ जमीदोज हो गए। आधे जिले में बिजली सप्लाई बाधित हुई। खंभे उखड़ने से सोमवार दोपहर तक सप्लाई सुचारू नहीं हो सकी थी।
श्योपुर में ओलावृष्टि शहर समेत जिले के कई इलाकों में सोमवार शाम को तेज अंधड़ के साथ बारिश और ओलावृष्टि हगुई। शहर में शाम छह बजे तेज आंधी चली, जिससे कई घरों के टीन-टप्पर उड़ गए। वहीं बिजली सप्लाई ठप हो गई। वहीं काफी देर तक बारिश भी हुई। तेज आंधी के बीच बारिश के साथ ही सोई, मानपुर आदि क्षेत्रों में चने से भी बड़े आकार के ओले गिरे।इधर, अनूपपुर में ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ। ज्यादातर किसानों की उपज खलिहानों में पड़ी है। वहीं आंधी से कई गरीबों के घर टूट गए हैं।
मौसम के ताजा हालात -मौसम विशेषज्ञ शैलेंद्र नायक के मुताबिक औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर अपनी धुरी के साथ एक द्रोणिका रूप में पश्चिमी विच्छोभ मोटे तौर पर 72 डिग्री पूर्वी देशांतर के साथ अक्षांश 33 डिग्री उत्तरी अक्षांश के उत्तर में चलायमान है। -मध्य क्षोभ मंडलीय (मिड ट्रोपोस्फेरिक) पश्चिमी हवा (वेस्टरलीज) में एक द्रोणिका मोटे तौर पर 82 डिग्री पूर्वी देशांतर के साथ 28 डिग्री उत्तरी अक्षांश उत्तर में चलायमान है। -बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रो के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक पूर्वोत्तर बांग्लादेश औरआसपास के क्षेत्रों मे बना हुआ है। -उत्तरी राजस्थान और आसपास के हरियाणा और पंजाब मे स्थित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से ऊपर 1.5 किमी तक हरियाणा और आसपास के क्षेत्रो पर स्थित है। -पूर्व-पश्चिम द्रोणिका अब हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों स्थित उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल होती हुई पूर्वोत्तर बांग्लादेश और सटे हुये क्षेत्रो के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण तक चलायमान है और पूर्व-पश्चिम द्रोणिका का ऊर्वधर विस्तार औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक है। -औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पूर्वी अरब सागर में सुदूर केरल तट के ऊपर विद्यमान है। -औसत समुद्र स्तर से 0.9 किमी ऊपर तक का विस्तारित द्रोणिका/हवा काम अपरुपण(विण्ड डिसकन्ट्यूनिटी) अब पूर्व मध्य प्रदेश से पूर्व विदर्भ, तेलंगाना और रायलसीमा होती हुई दक्षिण आंतरिक तमिलनाडु तक चलायमान है। -दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में स्थित कम दबाव का क्षेत्र एवं इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तरों तक फैला हुआ है। अगले 5 दिनों के दौरान इस कम दबाव का क्षेत्र के दक्षिण अंडमान सागर और सटे हुये दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी से में बने रहने की बहुत संभावना है। -औसत समुद्र स्तर से 5.8 किलोमीटर ऊपर अपनी धुरी के साथ मोटे तौर पर 93 ° पूर्वी देशांतर के साथ 22 डिग्री उत्तरी अक्षांश के उत्तर में चलायमान एक द्रोणिका रूप में पश्चिमी विच्छोप अब पूर्व की ओर दूर चला गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें