अच्छी खबर: 36 लाख लोगों को घर पहुंचाने के लिये,अगले 10 दिन में चलेंगी ढाई हजार से अधिक ट्रेनें

नई दिल्ली। रेलवे की ओर से बड़ी खबर है। लॉकडाउन में अपने गृहक्षेत्र से दूर फंसे हुए लोगों के लिए रेलवे ने बड़ी राहत दी है। प्रवासियों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने आज अहम फैसला लिया है। इसके चलते अब राज्य सरकारों की जरूरतों के अनुसार देश भर में अगले दस दिनों में 2600 अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाना तय किया गया है। इस पहल के चलते देश भर में फंसे हुए 36 लाख लोगों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्‍मीद है। जहां देश महामारी कोविद-19 से जूझ रहा है, वहीं भारतीय रेलवे इस महत्वपूर्ण समय में लगातार स्‍पेशल ट्रेनें चला रहा है।
भारतीय रेलवे ने 1 मई, 2020 से देश भर में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाना शुरू कर दिया था, ताकि प्रवासियों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों को अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इन विशेष ट्रेनों को संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक चलाया जा रहा है। रेलवे और राज्य सरकारों ने इन ष्श्रमिक स्पेशलष् के सफल संचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।


इस क्रम में भारतीय रेलवे ने पिछले 23 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। लगभग 36 लाख फंसे प्रवासियों को अब तक उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है। गौरतलब है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा, रेल मंत्रालय ने स्पेशल ट्रेनों के 15 फेरे शुरू किए हैं। इसके अलावा 200 ट्रेन सेवाओं को 01 जून, 2020 से शुरू करने की घोषणा पिछले दिनों की गई है।


इन राज्‍यों से चलेंगी श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें
अगले 10 दिन चलने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से चलेंगी। इनका गंतव्य असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड, केरल, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और बंगाल होगा। रेलवे ने आइसोलेशन कोच में बदले गए रेल के डिब्बों का भी श्रमिक स्पेशल में प्रयोग करने की तैयारी की है। महामारी फैलने के शुरुआती दिनों की जरूरत को देखते हुए 5,000 से ज्यादा कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया था। इनमें से आधे कोच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।



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