दिव्यांग भुखमरी की कगार पर, काली पट्टी बांधकर मनाया ब्लैक डे

ग्वालियर। शहर के दिव्यांग  बांह पर काली पट्टी बांधकर'ब्लैक विरोध डे' मना रहे हैं। इनका कहना है कि मार्च माह में लिए प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री ने सूचना माध्यमों के जरिए कहा था कि लॉकडाउन के चलते दिव्यांग, बद्धों व विधवाओं को तीन माह तक एक-एक हजार रुपए  दो माह हो जाने के बाद भी आज दिनांक तक किसी के भी खाते में एक रुपया तक नहीं पहुंचा है। इसके विरोध में सोई हई केन्द्र और प्रदेश सरकार को जगाने के लिए पूरे मप्र के दिव्यांग अपने घरों पर रहकर काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज करा रहे हैं।


दिव्यांगों का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस विकलांग प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनूप जौहरी का कहना है कि कोरोना से पहले जब देश के हालात सामान्य थे तब दिव्यांगों को सही समय पर पेंशन मिल रही थी, वहीं निराश्रित पेंशन में भी दिक्कत नहीं आ रही थी, आज जबकि हालात विपरीत हैं और सामान्य लोग ही काम नहीं कर पा रहे मजदूर भी घरों में बैठे हैं, तब दिव्यांगों की हालत क्या होगी, उनकी परेशानी आसानी से समझी जा सकती है, लेकिन सरकार में बैठे पीएम से लेकर सीएम तक संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं। इनके द्वारा दा माह पहले घोषणा की गई थी कि इन विषम हालात में दिव्यांगों के खाते में एक-एक हजार रुपए राहत  तौर पर डाल जाएगे, लेकिन किया इसका ठीक उल्टा है, न तो यह रकम ही खातों में पहुंची है, बल्कि हर माह मिलने वाली पेशन भी नहीं दी जा रही, जिससे दिव्यांग भुखमरी की कगार पर हैं, लेकिन उनकी दिक्कत देखनेऔर समझने वाला कोई नहीं। जिस पर मजबूर होकर सरकार के विरोध में दिव्यांग काला दिवस मना रहे हैं।



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