दुनिया में परोपकार से बढ़कर कोई संस्कार व पुण्य नहीं :मुनिश्री

ग्वालियर! दुनिया में परोपकार से बढ़कर कोई संस्कार व पुण्य नहीं व दूसरों को दुःख देने से बढ़कर कोई पाप नहीं। जो दूसरों के दुःख देखकर दुःखी हो जाए व उसके दुःख को दूर करने का प्रयास करे, वही मानव महामानव बन सकता है। चंदन का वृक्ष कटने पर भी सुगंध देना बंद नहीं करता, हाथी वृद्ध होने पर भी अपनी कला दिखाना नहीं छोड़ता, गन्ना यंत्र में पीसे जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता, इसी प्रकार विपरीत परिस्थिति में भी परोपकारी अपने शील- सदाचार-परोपकार के गुण को नहीं छोड़ता। यह बात राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने तानसेन नगर स्थित न्यू कालोनी में व्यक्त किए! इस मौके पर मुनिश्री विजयेश सागर महाराज भी मौजूद थे!



 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:29 बजे   *सूर्यास्त :-* 17:40 बजे  *विक्रम संवत-2081* शाके-1946  *वी.नि.संवत- 2550*  *सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन, उत्तर  गोल  ...