'जो ईश्वर के प्रति समर्पण रखता है, उसका ईश्वर भी ख्याल रखता है- मुनिश्री


ग्वालियर ! जीवन में धर्म व ईश्वर के प्रति समर्पण भाव होना अति आवश्यक है। धर्म व ईश्वर से जुड़े रहकर ही मानव उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता है। मानव जीवन में जो व्यक्ति धर्म व ईश्वर के श्रमप्रति समर्पण रखता है, उसका धर्म व ईश्वर भी प्रदेश धर्म ख्याल रखता है। यह बात राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने तानसेन नगर स्थित न्यू कालोनी में व्यक्त किए! इस मौके पर मुनिश्री विजयेश सागर महाराज भी मौजूद थे!


मुनिश्री ने कहा कि संतों की वाणी चोट करती है, लेकिन इससे जीवन की खोट निकाली जा सकती है। संत जो भी कहेगा, वह मानव कल्याण के लिए कहेगा।सत्संग कभी समाप्त नहीं होता है।संत धरती पर सबसे बड़ा शिल्पी है।


शराब से तौबा कीजिए


 मुनिश्री ने कहा कि तू और तुम शब्द में प्रेम है, वहीं आप शब्द में परायापन झलकता है। जितने लोग समंदर, नदी, तालाब में डूबकर नहीं मरे होंगे, उतने शराब में डूबकर मर गए।शराब जैसी बुराई से तौबा करिए।जीवन सुखमय बनेगा।


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