कोरोना को मात देने वाले मंत्री के ससुर ने की खुदकुशी, नौकर ने देखी लटकती लाश

मुंबई । ट्रेड यूनियन के जाने-माने नेता रहे पुरषोत्तम नारायण समंत ने शुक्रवार को मुंबई के बोरिवली में अपने घर पर सुसाइड कर लिया। दादा के नाम से लोकप्रिय पुरषोत्तम नारायण प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन लीडर दत्ता सामंत के बड़े भाई और हाल ही में कोरोनावायरस को हराने वाले महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री जितेंद्र अव्हाड़ के ससुर थे।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें 91 साल के पुरषोत्तम समंत का शव उनके घर पर ही फांसी से लटका मिला। इसकी जानकारी उन्हें उनके नौकर से ही मिली थी। दादा पुरषोत्तम सुसाइड नोट में लंबे समय से चली आ रही बीमारी को अपने इस कदम की वजह बताया। इस मामले में दहीसर पुलिस ने एक्सिडेंटल डेथ का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल जांच जारी है।


दादा समंत ने अपने भाई दत्ता से काफी पहले ही व्यापार क्षेत्र में सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1960 में तब के बॉम्बे में हुई पहली रेलवे हड़ताल में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद वे ग्वालियर में शिफ्ट हो गए, जहां उन्होंने जियाजी राव कॉटन मिल्स में टेक्निकल ऑफिसर के पद पर काम किया।


दादा समंत 1981 में एक बार फिर बॉम्बे लौटे और 1982 में साल भर चली टेक्सटाइल मिल के कामगारों की हड़ताल में छोटे भाई दत्ता समंत की मदद की। रजनी बख्शी की किताब ‘द लॉन्ग हॉल’ के मुताबिक, दादा ने दत्ता को सलाह दी थी कि वे टेक्सटाइल का मुद्दा न उछालें। हालांकि, दत्ता के न मानने के बाद उन्होंने यूनियन में लीगल पेपरवर्क देखने का काम संभाला। दादा को उनके मजदूर कानून के ज्ञान के लिए जाना जाता था। 1997 में दत्ता समंत की हत्या के बाद दादा ने 1997 से 2011 तक कामगार अघाड़ी का नेतृत्व किया। उनकी तीन बेटियां हैं, जिनमें एक की शादी महाराष्ट्र के मौजूदा हाउसिंग मिनिस्टर जितेंद्र अव्हाड़ से हुई।



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