कोरोना सेम्पल कलेक्‍शन की प्रक्रीया हुई आनलाइन

एन.आइ.सी. ने लान्च किया आरटी-पीसीआर ऐप
अशोकनगर | कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के साथ-साथ संदिग्ध की हिस्ट्री भी लैब टेक्निशियन आसानी से प्राप्त कर पायेगें। लैब टेक्निशियन जिस समय संदिग्ध का सैम्पल लेगा उसी समय आरटी-पीसीआर ऐप के जरिये यह जानकारी आनलाइन सम्बधित लैब में पहुंच जाएगी। ऐसे में टेस्ट में आसानी होगी। प्रत्येक सेम्पल के लिये आनलाइन SRF (Specimen Referral Form) भरना होगा, यह अनिवार्य है। इसी ऐप के माध्यम से फार्म भरा जावेगा।
    अभी तक यह काम मैनुअल फार्म पर होता था। अभी सैम्पल लेने वाले टेक्निशियन संदिग्ध का नाम पता उसकी देश-विदेश यात्रा, होम क्वारंटीन, किसी अस्पताल में इलाज या कोई गम्भीर बीमारी सहित तमाम प्रकार की जानकारी एकत्र करता है। सैम्पल के साथ ही यह जानकारी जाती थी। लेकिन अब केवल सैम्पल जायेगा। उसकी जानकारी आनलाइन लैब पंहुच जाएगी। अभी की स्थिति में जिले के 5 सैम्पल कलेक्सन सेंटर और 6 सैम्पल कलेक्टर को ऐप से जोड़ा गया है।



काम होगा आसान
    अभी जिले के अलावा पूरे प्रदेश में मैनुअल जानकारी के अलावा प्रदेश सरकार की ओर से तैयार किए गए सार्थक ऐप पर जानकारियां एकत्रित की जाती है। लेकिन आरटी-पीसीआर ऐप राष्ट्रीय स्तर पर काम करेगा। इसके जरिए जिले से लेकर पूरे देश में सैम्पल कलेक्‍शन एवं डाटा का संग्रहण आसान हो सकेगा।
    एन.आई.सी.(नेशनल इन्फोरमेटिक्स सेंटर) के द्वारा इस ऐप को राष्ट्रीय स्तर पर लांच कर दिया गया है एवं अशोकनगर जिले में भी इसका उपयोग शुरू कर दिया है।
आरटी-पीसीआर टेस्ट क्या है
    इस बीमारी के लक्षण तो आम ही जैसे कि कफ, बुखार या सांस लेने में परेशानी। ऐसे मे यह जानना मुश्किल होता है कि इन लक्षणों से युक्त लोग कोरोना वायरस से संकमित है या नही। इसका निर्धारण टेस्ट से किया जाता है। किसी व्यक्ति में कफ, बुखार के लक्षण पाये जाने पर या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर, त्वरित रूप से यह जानने के लिए कि वह कोरोनावायरस से सक्रंमित है, अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता है। आरटी-पीसीआर से तात्पर्य है , रियल टाईम रिवर्स ट्रसक्रिप्सन - पोलीमर्स चेन रिएक्‍शन , (rRt-PCR: real-time reverse transcription polymerase chain reaction ) आशंका वाले मरीज की नाक या गले से नमूना (स्वैब) लिया जाता है । जब स्वैब का नमूना लिया जाता है तो उसके साथ कुछ कोशिकांए भी आ जाती है जिनमें वायरस हो सकता है । फिर इस नमूना को परीक्षण के लिए लैब भेजा जाता है।
ऐप की विशेषता
    इस ऐप मे केवल रजिस्‍टर्ड लेव टेक्निशियन ही उपयोग कर सकेगें। लोकेशन का चलेगा पता। आफलाइन मोड में भी करेगा काम। जिले के अलावा दूसरी जगहों की स्थिति की जानकारी मिलेगी।यह ऐप सम्पूर्ण देश में एक समान रूप से उपयोग हो रहा है। जल्द तैयार होगा डैश बोर्ड, आंकडे़ देखना होगा आसान।
          जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी, एस.के.जैन ने बताया कि आरटी-पीसीआर एप से एंट्री प्रारंभ कर दी गई है। सभी कलेक्‍शन सेंटर रजिस्टर किये जा चुके एवं सेम्पल कलेक्टर का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है अब जिले में सेम्पल इसी ऐप के माध्यम से रजिस्टर होकर लैब टेस्टिंग पहुचेगें एवं प्रक्रिया को गति मिलेगी है।


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