लक्ष्य कठिन या राहें हों दुर्गम, चलना तो पड़ता है साथी..

ग्वालियर। हो लक्ष्य कठिन या राहें हों दुर्गम, चलना तो पड़ता है साथी, लिख दे मील के पत्थर पढ़ना तो पढ़ता है साथी। यह पंक्तियां महिला साहित्यकार कुंदा जोगलेकर ने ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में सुनाईं। वे मध्य भारतीय हिंदी साहित्य सभा में रविवार को काव्यपाठ कर रहीं थीं। गोष्ठी में रविंद्रनाथ मिश्र, सुबोध चतुवेर्दी, कादंबरी आर्य, शालिनी इंदौरकर, अंजु यादव, सहित अन्य साहित्यकारों ने रचनाएं पेश की। संचालन आलोक शर्मा एवं आभार प्रदर्शन संजय जोशी ने किया।


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