मध्यस्थता की सफलता के लिए मानसिकता में बदलाव लाना होगा


ग्वालियर। इसमें कोई शक नहीं है कि मीडिएशन ने विवादों के समाधान में पूरी दुनिया में एक अलग छाप छोड़ी है। वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति के रूप में मध्यस्थता सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 89 के तहत प्राधिकार हासिल है। यह बात शनिवार को मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित माधव विधि महाविद्यालय के तहत तीन दिवसीय वैकल्पिक समाधान पद्धति विषय पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में शारदा विवि की सहायक प्राध्यापक रितु गौतम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही।


इस कार्यशाला में 250 छात्रों ने भाग लिया। शासी निकाय अध्यक्ष प्रवीण नेवासकर ने मध्यस्थता के अधिक से अधिक प्रयोग पर बल दिया। वहीं एडीशनल सॉलीसीटर जनरल विवेक खेड़कर मध्यस्थता की दशा में निपटारा होने में सौहार्दपूर्ण निपटारा होने का उल्लेख किया। कार्यशाला में अभिभाषक बृज मोहन श्रीवास्तव एवं प्रचार्य डॉ नीति पांडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंत में ममता मिश्रा ने सभी का आभार व्यक्त किया।


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