पंजाब में कांग्रेस विधायकों ने सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा, नवजोत सिंह सिद्धू भी इस सियासी खींचतान में कूद पड़े

पंजाब में सियासी वर्चस्व की जंग भी तेज हो गई है. पंजाब कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब कांग्रेसी विधायक पद्मश्री परगट सिंह और विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरने में जुट गए हैं.


 


कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को निशाने पर लेते हुए एक कमजोर मुख्यमंत्री बताया. उन्होंने कहा कि समझ से बाहर है कि पंजाब में सरकार कांग्रेस की है या मुख्य सचिव की. मंत्रियों और चीफ़ सेक्रेटरी के बीच हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री को तत्काल विधायकों की बैठक बुलानी चाहिए थी और साफ करना चाहिए था कि जिन मुद्दों को लेकर हमने सरकार बनाई थी वह क्यों पूरे नहीं हुए.परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर सवाल खड़े हो रहे हैं. डेढ़ साल बाद चुनाव में जनता को इसका जवाब नेताओं को देना होगा, अफसरों को नहीं. हालात ये हैं कि जिस तरह दस साल अकाली-बीजेपी गठबंधन की सरकार चल रही थी, उसी तरह ही यह सरकार चल रही है. इन दोनों की कारगुजारी में ज्यादा फर्क नहीं है.


पूर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू के नजदीकी दोस्त हैं और सिद्धू ने ही उन्हें पार्टी में शामिल करवा कर टिकट दिलवाया था. फिलहाल वह जालंधर कैंट विधानसभा हलके से विधायक हैं. वहीं, फतेह जंग सिंह बाजवा पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा के छोटे भाई हैं. प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर के बीच छत्तीस का आंकड़ा है.


 


परगट सिंह सहित फतेह सिंह बाजवा और हरजोत कमल के विरोधी तेवर कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए यकीनन बड़ी चुनौती है. साफ है कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. ऐसे में परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को अन्य कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों का खुला समर्थन मिला तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.



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