यूनीपेच रबर फैक्ट्री में लगी भीषण आग, करोड़ो का हुआ नुकसान


ग्वालियर। गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के धर्मवीर पेट्रोलपंप के सामने स्थित यूनीपेच रबर लिमिटेड में रात 2.40 बजे पर भीषण आग लग गई। बताया जाता है आग एसी के तारों में शॉर्ट सर्किट से लगी, देखते ही देखते रबर फैक्ट्री में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।  आग लगने की सूचना दमकल विभाग को मिली तो एक के बाद एक आधा दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंची और दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के लिए पानी और फोम का उपयोग किया। आग लगने से करोड़ों रुपए का नुकसान होना बताया गया है। 
 मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात धर्मवीर पेट्रोलपंप के सामने स्थित यूनीपेच रबर लिमिटेड में आग की लपटें उठ रही थीं, जैसे ही यहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने फैक्ट्री में आग लगते देखी तो इसकी सूचना अपने सुपरवाइजर और फैक्ट्री मैनेजर को दी। यहां मौजूद सुरक्षाकर्मी का कहना है कि आग फैक्ट्री के बाहर लगे एसी में से शुरू हुई और उस पर नियंत्रण पाया जाता उससे पहले ही मशीनों तक पहुंच गई और यहां रखे रबर और ड्रमों में आग लगना शुरू हो गई। आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को 2.50 बजे पर मिली। आग की सूचना मिलने के बाद तुरंत ही फायर ब्रिगेड की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची और दमकल की टीम ने आग पर नियंत्रण करने के लिए पानी फेंकना शुरू कर दिया। आग बढ़ते देख मदद के लिए आसपास के फायर स्टेशनों से दमकलकर्मियों और फायर ब्रिगेड को बुला लिया। 5 घंटे की मशक्कत के बाद दमकलकर्मियों ने 8 गाड़ियों की मदद से 12 गाड़ी पानी और 400 लीटर फोम का उपयोग कर आग पर काबू पा लिया। आग की सूचना मिलने के बाद मुरार, महाराज बाड़ा व बालभवन से फायर ब्रिगेड कर्मचारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे और आग पर काबू पाने जुट गए।
यूनीपेच रबर लिमिटेड फैक्टी में वाहनों के पंक्चर जोड़ने वाली टिकली बनाने का काम होता है और इस फैक्ट्री में आज आग लगने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाते तो नुकसान ज्यादा हो जाता, क्योंकि रबर में आग लगने से यह फैलती गई और फैक्ट्री में पंक्चर जोड़ने वाले ट्यूब का मटेरियल भी रखा हुआ था अगर यहां आग आ जाती तो संभालना मुश्किल होता।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

भारतीय ज्योतिषियों की बलिहारी

  मेरा ज्योतिष में किंचित क्या रत्ती भर विश्वास नहीं है ,लेकिन मेरे विश्वास करने और न करने से क्या फर्क पड़ता है। देश की बहुसंख्यक जनता का वि...