ग्वालियर। लॉकडाउन के पांचवें चरण में धार्मिक स्थलों को खुलने की अनुमति अब तक नहीं मिली है लेकिन आज सुबह मंदिरों के पट भक्तों की भावना को देखते हुए खुल गए। सुबह होते ही सैंकड़ों भक्त मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हुए परिवार खुशहाली की कामना कर रहे हैं। निर्जला सूरज के तेवर आज थोड़े नरम होने से महिलाओं को राहत है। आज मंगलवार को भौर होते निर्जला ही महिलाओं ने अन्न-जल का त्याग कर भगवान की आराधना करते हुए निर्जला ग्यारस का व्रत शुरू कर दिया। मंदिरों में ताले लगे थे, लेकिन जैसे ही भक्तों की भीड़ बढ़ती गई तो प्रबंधन ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भक्तों की भावना का ध्यान रखते हुए पट खोल दिए।
महिलाएं भजन-कीर्तन कर दान, पुण्य कर निर्मित रही हैं। व्रतधारी खुद पसीने से तरबतर हैं लेकिन भगवान को प्राचीनकाल गर्मी न लगे इसके लिए हाथ के निर्जला पंखे से हवा करते हुए सतुआ और आम का भोग लगाकर मटकी व सुरई में पानी भरकर दान कर रही हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में निर्जला गंभीरता ग्यारस की उपासना कर सीधा सम्पर्क एक ओर पानी त्यागने से हैं तो वहीं दूसरी ओर आमजन को पानी पिलाकर परोपकार की प्राचीन परम्परा भी है।
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