न्यायालय ने शराब ठेकेदारों को दिए दो विकल्प और तीन दिन का समय, सरकार की नीति जिन्हें मंजूर नहीं, वे छोड़ दें अपनी दुकानें

भोपाल । लॉकडाउन की आड़ लेकर सरकार पर लायसेंस फीस में छूट सहित अन्य मांगों पर अड़े प्रदेश के शराब ठेकेदारों को उच्च न्यायालय की जबलपर खंडपीठ के निर्णय से बड़ा झटका लगा है। न्यायालय ने उनकी मांग को सीधे तौर पर उचित नहीं माना, इसलिए न्यायालय ने उन्हें दो विकल्प दिए । पहला कि जिन ठेकेदारों को सरकार की संशोधित नीति मंजूर है वे अपनी दुकानें खोल सकते हैं। लेकिन जिन्हें ये स्वीकार नहीं है, वे अपनी दुकानों का समर्पण कर सकते हैं। सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। न्यायालय ने टेंडर समर्पण करने के लिए या फिर दुकान संचालन के लिए शपथ पत्र देने के लिए ठेकेदारों को तीन दिन का समय दिया है। न्यायालय ने समर्पित की गई शराब की दुकानों के नए सिरे से टेंडर कराने के निर्देश भी सरकार को दिए हैं। 


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