टेक्सटाइल इंडस्ट्री: बुलाने से भी नहीं आ रहे मजदूर, उद्यमियों को सता रहा ऑर्डर नहीं मिलने का डर

टेक्सटाइल उद्योग की समस्याएं पुराने आर्डर भी पूरे नहीं हो रहे लेबर की समस्या के कारण उद्यमियों को मिले पुराने आर्डर भी पूरे नहीं हो रहे है। इंटरनेशनल आर्डर नहीं विश्वव्यापी कोरोना के कारण इंटरनेशनल टेक्सटाइल मार्केट बन्द है। ऐसे में प्रमुख इंटरनेशनल बायर से भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्टर को आर्डर मिलना बंद हो गए। परिणामस्वरूप जोधपुर के टेक्सटाइल उद्यमियों के पास नए आर्डर भी नहीं है। घरेलू मांग नहीं जोधपुर के कपड़े की देश के प्रमुख मेट्रो ओर अन्य शहरों में अच्छी मांग रहती हैं, इस बार कोरोना के कारण यह मांग भी शून्य है।टैक्सटाइल उद्योग एक नजर में... -300-350- टेक्सटाइल इकाइयां - 15 हज़ार लेबर जुड़ी उद्योग से - 1000 लेबर भी मुश्किल से काम कर रही - 1500 करोड़ रुपये सालाना टर्न ओवर - 5 लाख मीटर उत्पादन प्रतिदिन - वर्तमान में उत्पादन नगण्य सरकार ने फैक्ट्री खोलने की भले ही अनुमति दे दी हो लेकिन मजदूर के नही होने से बहुत ज्यादा समस्या है। पूरी लेबर ही नहीं तो काम कहां से करेंगे। लेबर नहीं होने बहुत दिक्कतें आ रही हैं। उद्योग सही तरीके से नही चल रहे हैं।



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