न्यायिक जांच के दिए आदेश
गुना l गुना में अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान दलित दंपति की पुलिस पिटाई के मामले में प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करते हुए इस घटना में शामिल पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
मारपीट के दौरान दलित दंपति ने कीटनाशक पी लिया था, जिससे हड़कंप मच गया था। दलित दंपति के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों , एक उप निरीक्षक सहित तीन पुरुष आरक्षक और 2 महिला आरक्षक को निलंबित किया गया है। जांच अधिकारी को तीस दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को गुना कैंट इलाके में कॉलेज की जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान वहां खेती कर रहे किसान दंपति ने कीटनाशक पी लिया था। इसी दौरान पुलिस ने किसान के स्वजनों पर लाठीचार्ज किया था। इससे पहले इस मामले में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही गुरुवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्वालियर रेंज के डीआईजी अवध कुमार पांडे के नेतृत्व में एक टीम गुना पहुँची और मामले की जांच की। इस टीम ने मौका मुआयना करने के साथ ही जिला अस्पताल पहुँचकर पीड़ित परिवार से भी चर्चा की। टीम के समक्ष परिवार ने अपने साथ पुलिस द्वारा मारपीट करने की बात कही। साथ ही तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने गुना के जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है। गुना कलेक्टर की जगह अब कुमार पुरुषोत्तम को भेजा है।
राज्य शासन ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर औद्योगिक केन्द्र विकास निगम के प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम की पदस्थापना की है। इस बीच गुना जिम्मा भोपाल के एक वरिष्ठ आईपीएस इंद्र प्रकाश हरजारिया को दिया गया है। वह गुरुवार दोपहर जांच के लिए गुना पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल में बंद कमरे में दलित दंपति से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद घटनास्थल पर भी गए।
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