मुनिश्री का हुआ अभिनंदन

ग्वालियर । गणधरचार्य आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य क्रांतिवीर मुनिश्री प्रतीक सागर महाराज का 22वां चातुर्मास निमित्त सोनागिर सिद्धक्षेत्र की भट्टारा कोठी में भव्य मंगल प्रवेश के साथ हुआ। इस दौरान जगह-जगह पाद प्रक्षालन कर आरती की गई। सोनागिर में विराजित आचार्य विवेक सागर जी महाराज ने संघ सहित मुनि श्री की अगवानी की। इस अवसर पर मुनिश्री विनय धर सागर जी महाराज, मुनिश्री विदेश सागर जी महाराज, आर्यिका कीर्ति मति माताजी क्षुल्लक एवं अरिहंत सागर आदि उपस्थित रहे।


धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रतीक क्रांतिवीर मुनिश्री प्रतीक सागर जी महाराज ने कहा कि संयम और सादगी के द्वारा जीवन में आगे बढ़ने की नित नई प्रेरणा मिलती है। महावीर पुराण पढ़ने से महावीर को नहीं समझा जा सकता, मगर महावीर के नाम का अर्थ समझ में आ जाए तो महावीर का संपूर्ण जीवन चरित्र आपके जीवन में उतर जाएगा। महावीर का चित्र और चरित्र दोनों हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। तब कहीं जाकर के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन होगा।


चातुर्मास समिति के प्रचार संयोजक सचिन जैन ने बताया कि मुनि श्री के प्रतिदिन अमोल धर्मशाला के सभागृह में शाम 6.45 से 7.15 तक मंगल प्रवचन होंगे। महावीर पुराण पढ़ने से महावीर


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