सिंधिया-केपी यादव आए साथ नजर,पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश 


ग्वालियर। मध्य प्रदेश की सियासत में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से पार्टी सांसद केपी यादव हाशिए पर चल रहे थे. सोमवार को मूंगावली की रैली में दोनों नेता एक साथ नजर नहीं आए थे, जिसके बाद से कई सवाल खड़े हो रहे थे. अब सिंधिया और केपी यादव मंगलवार को ढाई साल के बाद पहली बार एक साथ एक मंच पर नजर आए, जिसके जरिए पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जा रही है।
अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र की वर्चुअल रैली के जरिए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी सांसद केपी यादव एक साथ जुड़े. इस दौरान बीजेपी के दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित ही नहीं किया बल्कि अपने पुराने संबंध को भी याद किया. सिंधिया ने केपी यादव को सराहा तो केपी यादव ने सिंधिया के सानिध्य में आगे काम करने की बात कही।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी सीट पर बीजेपी ने केपी यादव को उतारकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को करारी मात दी थी. हालांकि, एक दौर में केपी यादव मुंगावली जिला पंचायत में ज्योतिरादित्य सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि हुआ करते थे. मुंगावली सीट पर 2018 के उपचुनाव में केपी यादव ने सिंधिया से टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस से केपी यादव के बजाय बृजेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया था. इसके बाद केपी यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।



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