भोपाल । प्रदेश में 50 से कम श्रमिक वाले औद्योगिक संस्थान कारखाना अधिनियम, ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन अधिनियम के दायरे में नहीं आएंगे। इसके लिए शिवराज सरकार ने श्रम विधि संशोधन अध्यादेश-2020 जारी कर दिया है। इसका फायदा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के औद्योगिक संस्थानों को मिलेगा। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में लागू प्रावधानों में संशोधन के लिए राष्ट्रपति के पूर्व निर्देश लेकर श्रम विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्यादेश 2020 जारी किया गया है।
इसके तहत 50 या उससे अधिक श्रमिक होने पर ही अब ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन अधिनियम-1970 लागू होगा। अभी तक यह प्रावधान उन इकाइयों पर लागू होता था जहां 20 या उससे अधिक श्रमिक काम करते थे। इसी तरह कारखाना अधिनियम-1948 के प्रावधान 10 श्रमिकों के कार्यरत रहने पर लागू होते थे। अब इस संख्या को बढ़ाकर 50 या उससे अधिक कर दिया है।
वहीं, 50 से कम श्रमिक वाले प्रतिष्ठानों में श्रम निरीक्षक बिना अनुमति निरीक्षण नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन में उद्योग-धंधों पर पड़े असर को देखते हुए सरकार ने श्रम कानूनों में संशोधनों को लागू करने का निर्णय लिया था। सितंबर में होने वाले विधानसभा के सत्र में इस अध्यादेश की जगह संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
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