चीनी राखियों को बाय बायः बहनों ने भाइयों को बांधी स्वदेशी राखियां


ग्वालियर l  भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार शहर में सोमवार को हंसी-खुशी के साथ मनाया गया। अधिकतर बहनों ने शुभ मुहूर्त में भाईयों की कलाई पर रेशम धागे और चंदन की राखी बांधी। वहीं गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीन द्वारा कोरोना वायरस फैलाए जाने पर शहर की बहनों ने चीन को सबक सिखाते हुए रक्षाबंधन पर चीनी राखियों का बहिष्कार कर दिया l इससे अकेले ग्वालियर शहर में दो करोड़ रुपए से अधिक की चीनी राखी की बिक्री नहीं हुई। अधिकतर बहनों ने स्वदेशी राखी की खरीदारी की।


अधिकतर बहनों ने कोरोना संक्रमण में बाजारों में जाने से परहेज रखा। इन बहनों ने अपने भाइयों के लिए या तो हाथ से राखी बनाई या कलावा को राखी स्वरूप मानकर भाइयों की कलाई पर बांधा। इस दौरान अधिकतर बहने अपने भाइयों के घर नहीं गई और कोरियर के माध्यम से ही राखी भेजी। अधिकतर बहनों ने भाइयों को मिठाई की जगह उपहार स्वरूप ड्रायफ्रूटस दिए जिसे खाकर कोरोना काल में भाईयों की इम्यूनिटी बढ़ती रहे।


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