गायकी के 'रसराज' पंडित जसराज का निधन


गायकी के 'रसराज' ने सुरों की दुनिया को अलविदा कह दिया। अपनी बेजोड़ गायकी के प्रसिद्ध पंडित जसराज का 90 वर्ष की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट से निधन हो गया। पद्म विभूषण पंडित जसराज पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ अमेरिका में ही थे l


हिसार में जन्मे पंडित जसराज उस परिवार से हैं जो चार पीढ़ियों से शास्त्रीय संगीत की परंपरा को आगे बढ़ा रहा था। खयाल शैली की गायिकी पंडित जसराज की विशेषता रही। उनके पिता पंडित मोतीराम मेवाती घराने के संगीतज्ञ थे। उन्होंने साढ़े तीन सप्तक तक शुद्ध उच्चारण और स्पष्टता रखने की मेवाती घराने की विशेषता को आगे बढ़ाया। 80 साल की अपनी संगीत की यात्रा में उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पिछले वर्ष एक ग्रह का नाम भी उनके नाम पर रखा गया था। अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाने वाला यह बेमिसाल सितारा आज धरती को अलविदा कह गया। पंडित जसराज ने एक अनोखी जुगलबंदी की रचना की। इसमें महिला और पुरुष गायक अलग-अलग रागों में एक साथ गाते हैं। इस जुगलबंदी को जसरंगी नाम दिया गया l 


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