गजब सरकार : उच्च शिक्षा स्पोर्टस के मेरिट छात्रों को भी प्रवेश नहीं - सीटें खाली 

ग्वालियर। मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की हठधर्मिता से उच्च शिक्षा (खेल)बीपीएड , एमपीएड  के छात्रों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।उच्च शिक्षा (खेल)में अध्ययन करने वाले छात्र इधर उधर भटक रहे हैं, और विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इतना ही नहीं कई कालेजों , विश्वविद्यालयों में छात्रों की सीटें खाली पडी हैं , लेकिन उच्च शिक्षा (खेल) की सीटें में कोई रूचि नहीं ले रहा है। ऐसे में छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। विशेष बात यह है कि मेरिट लिस्ट के छात्र-छात्राएं भी एडमिशन को भटक रहे हैं। 
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा (खेल) में विगत वर्षों से स्थानीय लेबल पर काउंसलिंग कर छात्रों को सीटें प्रदान कर दी जाती थी। विभाग ने नए नियमों को बनाकर अब सारी काउंसलिंग स्वयं भोपाल स्तर पर करने का निर्णय ले लिया है। ऐसे में मेरिट में आने के बाद भी छात्रों को कालेजों में सीट नहीं मिल पा रही है, और ले देकर भोपाल से खेल किया जा रहा है। उधर विभाग इसके लिये तर्क यह तक दे रहा है कि इस बार छात्रों  की संख्या ज्यादा है। उधर कालेज सूत्र बताते हैं कि इस बार तक हमारी सीटें भरी नहीं है। ऐसे में कोरोना काल में भी पूरे प्रवेश नहीं होने से उन्हें जहां आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं विभाग की हठधर्मिता के चलते वह परेशान हैं। उनका यह भी कहना है कि विभाग ने ग्वालियर के बच्चों को दूर के कालेज जैसे रीवा आदि में प्रवेश दे दिया है और रीवा के छात्रों को ग्वालियर में प्रवेश दे दिया है। ऐसे में छात्र कोरोना संकट के दौर में दूसरे जिलों संभागों में जाने से कतरा रहे हैं। इसी के चलते उनकी सीटें खाली पडी है। कालेज संचालक का कहना है कि उच्च शिक्षा (खेल)द्वारा काउंसलिंग कर सीटें भरने की जिम्मेदारी स्वयं ले ली है ऐसे में उनकी सीटें खाली पडी रह गई है। प्रमुख बात यह है कि मेरिट लिस्ट वाले छात्र भी प्रवेश को भटक रहे हैं। 
सूत्र बताते हैं कि उच्च शिक्षा (खेल) अब तीसरी बार के बाद भी बची सीटों के लिये फिर से आवेदन मंगाने के लिये प्रयास कर रहा है क्योंकि उनकी खेल नीति पर बटटा लगता दिख रहा है। वहीं सूत्र बताते हैं कि अभी भी कई छात्र इधर उधर अपने प्रवेश के लिये भटक रहे हंै वहीं वह अपने परिजनों के साथ मंत्रियों , अधिकारियों के यहां चक्कर लगाकर सिफारिश कराने लगे हैं। लेकिन चूंकि प्रवेश प्रक्रिया भोपाल से संपन्न होगी इसलिये कालेज संचालक भी टका सा जबाब देकर छात्रों को वापस भेज रहे हैं। एक कालेज के खेल विभाग के कर्मचारी ने बताया कि इस बार उच्च शिक्षा विभाग ने जिस प्रकार से काउंसलिंग की है उससे छात्रों का भविष्य  चैपट हो रहा है। अब देखना है कि क्या राज्य सरकार इस ओर ध्यान देकर कोई ऐसा आदेश निकालेगा जिससे छात्रों का भविष्य बर्बाद होने से बच सके। वहीं एलएलबी प्रथम वर्ष बीए एलएलबी में भी सीटें बढ़ना आवश्यक है।


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