हमें दुनिया बदलने की नहीं,हमें अपने आप को बदलने की कोशिश करना चाहिए-मुनिश्री 


ग्वालियर l हमेशा विश्वास रखिए सबसे अच्छा दिन आज है सबसे अच्छा समय अभी है सबसे बुरा दिन कभी नहीं है। खुशियों से भरा हुआ एक लम्हा किसी खजाने से कम नहीं है। गम से भरा हुआ एक दिन 1 अन्धकूप से कम नहीं है। जिंदगी जीने का मकसद होना चाहिए! अपने आप पर भरोसा होना चाहिए जीवन में खुशियों की कमी नहीं है। बस कमी है तो उन्हें मनाने के सही अंदाज की। दुख में से भी सुख खोजा जा सकता है अगर सोचने का तरीका सही हो और सुख में से भी दुख हो जा सकता है अगर जीने का तरीका गलत हो। हमें दुनिया को बदलने की फिक्र नहीं करना चाहिए हमें अपने आप को बदलने की कोशिश करना चाहिए! यह विचार क्रांतिवीर मुनिश्री प्रतीक सागर जी महाराज ने सोनागिर स्थित आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह मैं धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही!


मुनिश्री ने आगे कहा कि आप धैर्यशील बने कोई दो कड़वे शब्द कह दे तो क्रोधित ना हो  टेंशन ना पाले क्योंकि पत्थर उसी पेड़ को मारे जाते हैं जिस पर मीठे फल लगते हैं। आपके अंदर कुछ तो खास है इसलिए तो दुनिया की नजर आपके ऊपर है इसीलिए तो आप के कार्यो की निंदा और आलोचना हो रही है। किसी के बुरा कहने पर आप अपने आप को बुरा कभी ना माने जब आपका मन आपको गिल्टी न माने। दिमाग झूठ बोल सकता है मगर दिल हमेशा सत्य बोलता है दुनिया की सबसे बड़ी अदालत आपका स्वयं का दिल है इसीलिए जिंदगी के महत्वपूर्ण फैसले दिमाग से नहीं दिल से लें जिससे मंजिल प्राप्त करने में आपको आसानी होगी। मुनि श्री ने आगे कहा कि पत्थर मारने से शीशा टूटता है टेढ़ा बोलने से रिश्ता टूटता है अदब से बोलिए संभल कर चलिए शीशा और रिश्ता दोनों सुरक्षित रहेंगे ।गलतियां सभी से होती है और गुस्सा सबको आता है। फिर बुरा मानने की वजह शांति और सुधार की किरण तलाशी जाना चाहिए! खुद से गलती हो जाए तो समझौता चाहते हैं। वही दूसरों से गलती हो जाए तो इंसाफ की मांग करते हैं। सुधार तब होगा जब हम  दोनों के लिए  इंसाफ चाहेंगे।
मुनिश्री ने आगे कहा कि ईश्वर का अनुग्रह पाने के लिए निष्पाप रहिए निष्पाप रहने के लिए सरलता चाहिए स्वर्ग के राज्य में प्रवेश प्राप्त करने के लिए बच्चे बनकर जाना होता है चालाकी और चालबाजी दोनों स्वर्ग के  प्रवेश में बाधा है। आदमी के कर्म अगर अच्छे हो तो किस्मत उसके चरणों की दासी बन जाती है ।नियत अगर अच्छी हो तो स्वयं का घर ही मथुरा और काशी हो जाता है ।


*रविवार को मुनिश्री के विशेष प्रवचन होंगे"


चातुर्मास समिति के प्रचार संयोजक सचिन जैन आदर्श ने बताया कि 6 सितंबर रविवार को दोपहर 3:00 बजे विशेष धर्म सभा का आयोजन भट्ठारक कोठी के सामने अमोल वाली धर्मशाला के आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह में आयोजन किया जाएगा।


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