नई लोहामंडी बनने के मार्ग में आ रही बाधा जल्द दूर होगी-केन्द्रीय मंत्री तोमर

 लोहा व्यवसायी संघ ने किया धरना आंदोलन समाप्त



ग्वालियर | लोहा व्यवसाइयों एवं शहरवासियों के लिये खुशखबरी है। चिरवाई में नई लोहामंडी की स्थापना में आ रही बाधा जल्द दूर होगी। केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस दिशा में पहल की है। उन्होंने आज बाल भवन से लोहा व्यवसायी संघ के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में राज्य शासन के मुख्य सचिव से फोन पर चर्चा की। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा इस समस्या के समाधान के संबंध में पुख्ता आश्वासन मिलने के बाद लोहा व्यवसायी संघ ने अपना धरना आंदोलन भी समाप्त कर दिया है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, जिला कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त  संदीप माकिन, अपर कलेक्टर  किशोर कान्याल व अनुविभागीय राजस्व अधिकारी लश्कर  विनोद भार्गव सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे।
    केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने मुख्य सचिव से कहा नई लोहामंडी की स्थापना ग्वालियर शहर की जरूरत है। नई लोहामंडी बनने से शहर से यातायात का दबाब कम होगा। साथ ही लोहा व्यवसाय को भी गति मिलेगी। इसलिये शासन स्तर से जल्द से जल्द इस समस्या का निदान कराएँ। मुख्य सचिव ने केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर से हुई चर्चा के बाद संभाग आयुक्त को निर्देश दिए कि नवीन लोहामंडी की समस्या के समाधान के संबंध में नया प्रस्ताव तैयार कर सोमवार तक भोपाल भिजवा दें, जिससे शासन स्तर से इस समस्या का निदान कराया जा सके।
    केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने शनिवार को यहाँ बाल भवन में आयोजित हुई बैठक में संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर से कहा कि लोहा कारोबारियों की जायज माँग के आधार पर नया प्रस्ताव तैयार कर जल्द से जल्द भोपाल भिजवाएँ। उन्होंने कहा नई लोहामंडी से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिये वे मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगे।
    ज्ञात हो ग्वालियर तहसील के चिरवाई ग्राम में नई लोहामण्डी के लिये राजस्व विभाग द्वारा लगभग 6.301 हैक्टेयर असिंचित जमीन ग्वालियर विकास प्राधिकरण को आवंटित की गई थी। लोहा कारोबारियों द्वारा ग्वालियर विकास प्राधिकरण के माध्यम से इस जमीन की प्रीमियम (प्रब्याजी) एवं भू-भाटक के रूप में लगभग एक करोड़ 69 लाख 34 हजार रूपए की राशि सरकारी खजाने में जमा कराई जा चुकी है। कतिपय न्यायालयीन प्रकरण रहने के कारण भूमि की स्थायी लीज नहीं हो सकी और ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा यह जमीन राजस्व विभाग को लौटा दी गई। राज्य शासन के राजस्व विभाग द्वारा चिरवाई में विवाद रहित 3.218 हैक्टेयर जमीन का आवंटन लोहा व्यवसायी संघ को वर्ष 2007-08 की गाइडलाइन के आधार पर संगणित बाजार मूल्य के आधार पर किया गया। जो लगभग 8 करोड़ 82 लाख 13 हजार रूपए बनती है। मगर लोहा व्यवसायी पूर्व में निर्धारित प्रीमियम के आधार पर जमीन का आवंटन चाहते हैं। 


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