पंडित उमेश कंपूवाले ने किया शास्त्रीय गायन प्रस्तुत

 



ग्वालियर। संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत द्वारा वर्तमान वैश्विक संकट कोरोना वायरस की विषम परिस्थितियों मैं भी जो कला साधक निरंतर साधनारत रहते हुए निरंतर कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं उन समर्पित कलाकारों को प्रोत्साहित एवं उन उनकी कला साधना से रसिको को अभिभूत कराने निमित्त संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत की रचनात्मक संकल्पना कि प्रत्येक रविवार सांध्य 5 बजे संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत फेसबुक पेज पर मध्य भारत कला दर्शन का आयोजन किया जा रहा हैl


आज श्रृंखला के प्रथम माधुर्य युक्त पुष्प स्वरूप ग्वालियर के मूर्धन्य संगीत साधक पंडित उमेश कंपूवाले द्वारा शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया गया उन्होंने आरंभ में बड़ा ख्याल छोटा ख्याल तराना मिश्र खमाज में ठुमरी और समापन किया राग भैरवी के भजन से जिसके शब्द थे 'दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला...' आपके साथ तबले पर संगति कर रहे थे विकास विपट और हारमोनियम पर विवेक जैन कार्यक्रम का सूत्र संचालन प्रांतीय उपाध्यक्ष अशोक आनंद किया तथा तकनीकी संयोजन प्रदीप दीक्षित का था।


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