वनभूमि पर अनाधिकृत कब्‍जे नहीं करने की समझाइश देने बमोरी के हमीरपुर पहुंचे कलेक्‍टर एवं पुलिस अधीक्षक

गुना |  कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि वनाधिकार के पट्टे 31 दिसंबर 2005 की स्थिति में वनाधिकार अधिनियम अंतर्गत दावों के लिए ऐसे आदिवासी जिनका 31 दिसंबर 2005 के पूर्व वनभूमि पर कब्‍जा है तथा अन्‍य परंपरागत दावों की तीन पीढ़ी अथवा 75 साल कब्‍जा होना आवश्‍यक है, को ही दिए जाने हैं। अन्‍य परंपरागत लोगों जो लोग किसी प्रकार से नए अतिक्रमण करके अनाधिकृत कब्जे करने के लिए प्रयासरत हैं, उन्हें वनाधिकार पट्टों की पात्रता नहीं है। अतः लोग व्यर्थ में वनों को काटने का प्रयास ना करें। साथ ही आसपास के ग्रामों में कुछ जातिगत समुदाय में हो रहे आपसी विवाद पर चर्चा करते हुए लोगों को समझाइश दी की आपस में विवाद करने से परिवारों का विखंडन होता है। परिवार टूटते हैं और बर्बाद होते हैं। व्यर्थ के कोर्ट कचहरीयों में उलझने से बाल-बच्चों का जीवन भी प्रभावित होता है। उन्‍होंने यह बात तहसील बमोरी अंतर्गत ग्राम हमीरपुर में आसपास की ग्राम पंचायतों के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधिगणों एवं ग्रामवासियों से वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण एवं विवाद के संबंध में चर्चा के दौरान कही। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुना-बमौरी सुश्री अंकिता जैन, आस-पास की ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच,ग्रामीजन एवं जनप्रतिनिधि सहित एसडीओ फारेस्ट उपस्थित रहे।
    कलेक्‍टर पुरूषोत्‍तम ने सभी को समझाइश देते हुए कहा कि छोटी-छोटी बातों पर आपस में ना उलझें। प्रशासन के पदाधिकारियों को वन भूमि संबंधी विवादों के लिए रेंजर डिप्टी रेंजर एसडीओ को जानकारी दें। राजस्व के मामलों के लिए तहसीलदार को जानकारी दें। पुलिस संबंधी कोई भी मामले के लिए थाना प्रभारी को तत्काल सूचित करें। समस्याओं पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
         इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री सिंह द्वारा भी सभी ग्रामवासियों से चर्चा कर आपसी विवाद नहीं करने की समझाइश तथा ग्रामीणजनों को आपस में लड़ाई झगड़ा इत्यादि नही करने की सलाह भी दी गई।
 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री जैन ने सभीजनो से अपने आसपास के जंगलों के पेड़ों को बचाकर के पर्यावरण में सहयोग प्रदान आग्रह किया।


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