ग्वालियर। चुनाव प्रचार में खराब शब्दावली का इस्तेमाल कांग्रेस की हार की हताशा वाली मानसिकता को दर्शाता है। उपचुनाव में भी कांग्रेस ने हर सीट पर प्रत्याशी का मुकाबला करने की कोशिश की, लेकिन जनता समझदार है कि उसके क्षेत्र, प्रदेश और देश का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित है। उक्त बात गुरूवार को विधायक संजय पाठक ने अटल सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
पाठक ने कहा कि हार की हताशा में कांग्रेस प्रचार में खराब शब्दावली का उपयोग कर रही है। इस प्रकार की शब्दावली पहले प्रदेश में उपयोग में नहीं लाई गई। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और देश की जनता ने उन्हें जबाव दे दिया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाक मतपत्रों के दुरुपयोग पर भी कांग्रेस इसी प्रकार के आरोप लगा रही है, क्योंकि उन्हें हार का डर दिखाई दे रहा है। हार की हताशा में ही कांग्रेस पहले भी चुनाव आयोग में ईवीएम का बहाना लेकर आरोप लगाती आई है। जब 2018 में मप्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो चुनाव आयोग और ईवीएम किसी पर आरोप नहीं लगाए।
उन्होंने कहा कि वे पिछले कई दिनों से ग्वालियर-चंबल अंचल में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और सभी सीटों पर भाजपा का प्रभाव देखा जा सकता है। कांग्रेस ने प्रयास किया कि चुनाव प्रचार प्रत्याशी के बीच हो, लेकिन प्रदेश की जनता समझती है कि उसके क्षेत्र के साथ प्रदेश और देश का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित है।
इस अवसर पर प्रदेश के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर, जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी उदय अग्रवाल, वरिष्ठ नेता जयप्रकाश राजौरिया, महामंत्रीगण महेश उमरैया, शरद गौतम, उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें