ग्वालियर l मप्र उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने अंचल में की जा रही राजनीतिक सभाओं पर शिकंजा कसते हुए इन पर रोक लगाने के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए है। मामले दर्ज कर ग्वालियर एवं दतिया के जिलाधीशों को पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट 23 अक्टूबर को न्यायालय में पेश करनी होगी।
हालांकि आभासी सभाएं: संभव नहीं होने पर ही भौतिक रूप से सभा हो सकेगी। इसके लिए राजनैतिक दलों को सामाजिक दूरी सहित अन्य सभी आवश्यक बातों की सूचना लिखित में देनी होगी। इसमें चुनाव आयोग की अनुमति जरूरी होगी। आशीष प्रताप सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को न्यायमूर्ति शील नागू व न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव द्वारा यह आदेश दिए गए। न्यायालय ने कहा कि संविधान ने उम्मीदवार व मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं। उम्मीदवार को चुनाव .. प्रचार का अधिकार है, तो लोगों को जीने के साथ-साथ स्वस्थ रहने का अधिकार दिया है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है। वर्तमान परिस्थिति में राजनेताओं को लोगों के प्रति उदारता दिखानी चाहिए थी, लेकिन उनके आचरण से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। न्यायालय ने कहा कि स्थिति काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। न्यायालय के संज्ञान में आया है कि सभाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।
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