वैकुंठ चतुर्दशी श्रद्धाभाव के साथ मनाई जाएगी

ग्वालियर । कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी नाम से जाना जाता है। रविवार को धाता योग प्रजापति योग में वैकुंठ चतुर्दशी श्रद्धाभाव के साथ मनाई जाएगी। इस दिन वैकुंठ के अधिपति भगवान विष्णु व भगवान शिव की पूजा की जाती है। कैलाश टाकिज के पास, सूबे की गोठ में स्थित हरिहर मंदिर में भी रविवार को वैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर विशेष पूजन होगा। मंदिर में करीब 250 साल पुरानी हरिहर भगवान की प्रतिमा स्थापित है, जिसके दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी दिलीप पराड़कर ने बताया कि वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु व भगवान शिव का भस्मासुर के वध के बाद मिलन हुआ था। चुंकि सुबह 4 बजे मिलन हुआ था, इसलिए मंदिर में सुबह 4 बजे अभिषेक व काकड़ आरती की जाती है। रविवार को मंदिर में स्थापित भगवान का फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। हवन एवं पूजन के बाद प्रसाद वितरण होगा। गौरतलब है कि मंदिर में आधे विष्णु, आधे शंकर, लक्ष्‌मी-पार्वती व चारों देवी देवताओं के वाहनों की संयुक्त मूर्ति है। यह मूर्ति करीब 250 वर्ष पहले एक कुएं में मिली थी, जिसे बाद में स्थापित किया गया।

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