कलेक्टर द्वारा आगामी वर्षाकाल प्रारम्भ होने तक टीकमगढ़ जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

अजय कुमार ब्यूरो चीफ AD news 24 
टीकमगढ़, / इस वर्ष टीकमगढ़ जिले में अल्प वर्षा होने के कारण आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल स्त्रोतों की जल आवक क्षमता घटने की आशंका है जिसके कारण जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट संभावित है। इसलिये पेयजल एवं निस्तार हेतु आम जनता को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु उपाय किया जाना अति आवश्यक हो गया है। इस आशय की सूचना कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग टीकमगढ़ द्वारा प्रस्तुत की गयी है। इस संबंध में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये, आम जनता के लिये जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के मद्देनजर जनहित में जल का दुरूपयोग रोकने के उददेश्य से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाना आवश्यक है।
अतः आगामी वर्षाकाल प्रारम्भ होने की कालावधि 30 जून 2021 तक के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी टीकमगढ़ श्री सुभाष कुमार द्विवेदी द्वारा जिला टीकमगढ़ के सम्पूर्ण क्षेत्र एवं परिसीमा को मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
श्री द्विवेदी ने आदेशित किया है कि कोई भी व्यक्ति टीकमगढ़ जिले की भौगालिक सीमा के अंदर सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के बगैर किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नहीं करायेगा। अधिनियम के प्रावधान लागू होने की तिथि से कोई भी व्यक्ति पेयजल स्त्रोत तथा समस्त नदी, नालों, तालाबों, बावड़ियों आदि स्त्रोतों का उपयोग सिंचाई अथवा औद्योगिक/व्यावसायिक प्रयोजन हेतु ( जिसमें जिलांतर्गत संचालित समस्त निजी वाहन धुलाई सेंटर भी शामिल है ) सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर पेयजल का दुरूपयोग नहीं करेगा एवं उपलब्ध पेयजल स्त्रोत/ हैण्डपम्प/ नलकूप आदि के 200 मीटर की परिधि में निजी उद्देश्यों के लिये हैण्डपम्प अथवा ट्यूब बैल खनन नहीं करायेगा।
इस दौरान शासकीय विभागों द्वारा लोक हित में पेयजल हेतु नलकूपों का खनन छोड़कर सभी प्रकार के नलकूपों के खनन प्रतिबंधित रहेंगे। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग टीकमगढ की लिखित अनुशंसा पर, विशेष परिस्थितियों में एवं आपातकालिक स्थिति की दशा में क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी एवं दण्डाधिकारी पेयजल हेतु निजी नलकूप खनन की अनुमति दे सकेंगे। इसके लिये क्षेत्रांतर्गत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिकृत किया गया है। मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अधीन पारित आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर अधिनियम की धारा के तहत यह दण्डनीय होगा, जो दो वर्ष तक के कारावास से या 2000 रुपये तक के जुर्माने से अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। यह आदेश आज से 30 जून 2021 तक सम्पूर्ण जिले में प्रभावशील होगा l


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