विगत एक साल से कोई भी पर्व सामूहिक रूप से उत्साह पूर्व कोरोना की बजह से नही मनाए गए चाहे मकर संक्रांति पर पवित्र नदियो में स्नान की बात हो शिवरात्रि ,होली,रक्षाबंधन, दीपावली की बात करे पूरा त्योहारों का एक चक्र कोरोना की बजह से पूरी तरह थमा रहा लेकिन अब त्योहारों को फिर से वैसे ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा 2021 में नव वर्ष से ही पर्व मनाने की शुरूआत हो गई जिसमें प्रथम भारतीय त्यौहार लोहाडी 13 जनवरी वुधवार को मकर संक्रांति 14 जनवरी गुरुवार को बड़े उत्साह से मनायी जाएगी।
लोहाडी पर्व पौष माह के अंत और माघ की शुरुआत में मनाया जाता है। यह त्योहार खेतों में फसलों के लहलहानें की खुशी में भी मनाया जाता है। पहले तो यह पर्व पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मनाया जाता था। लेकिन अब यह पर्व देश के अन्य हिस्सों में भी मनाया जाने लगा है।
आज भी इस त्यौहार की मान्यता पूरी तरह से बनी हुई है आज पूरे देश के साथ विदेशों में भी धूमधाम से लोहारी पर मनाया जाता है।
बहिन बेटियों को बुलाते हैं गाना बजाना करते हैं। आपस मे सभी रेवड़ी,गजक, मूंगफली,गन्ना बांटते खिलाते हैं और अग्नि के अलाव को जलाकर उसकी परिक्रमा लगाकर अपने लिए अपनों के लिए दुआएं मांगते हैं।
जैन ने बताया मकर संक्रांति पर इस बार सूर्य प्रातः 8:13 बजे धनु राशि से मकर राशि मे संक्रमण (प्रवेश) कर रहा है इस वजह से स्नान काल का पर्व 8:13 बजे के बाद पूरे दिन भर रहेगा इसमें पर्व काल के समय पवित्र नदियों में जलाशयों में अपने घरों में तिल युक्त जल से स्नान और दान- पुण्य का अवसर सभी को पूरे दिन भर मिल सकेगा। इससे लोग खूब स्नान दान करके हर्ष उल्लास के साथ पर्वो को मनाएंगे।
मकर संक्रांति से दिन बड़े होना शुरू होने लगेंगे
सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण गति करेंगे यह ऋतु परिवर्तन,हर्ष उल्लास का समय है ।
इस समय से सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,देव प्रतिष्ठा ,ग्रह प्रवेश आदि शुरू हो जाते हैं लेकिन गुरु व शुक्र तारा अस्त होने की वजह से 18 अप्रेल के बाद ही शुभ कार्यो के शास्त्र युक्त मुहुर्त बनेंगे।
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