पौष पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति व्रत का संकल्प लेकर स्नान, दान और तप करता है। उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।उसकी हरेक मनोकामनाये पूर्ण होती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार पौष पूर्णिमा 28 जनवरी गुरुवार को पूरे दिन रहेगी साथ ही इस दिन पुष्य नक्षत्र भी पूरे दिन रहेगा। इस बजह से इस दिन गुरुपुष्यामृत योग बन रहा है जो कभी कभी ही ऐसा संयोग देखने आता है जब पौष पूर्णिमा के दिन ऐसा योग बने। समस्त नक्षत्रों का राजा पुष्य नक्षत्र को माना है यह सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है। चाहे उस दिन चन्द्रमा व अन्य दशा शुभ न हो पर पुष्य नक्षत्र हो जिसमें भी गुरुपुष्य व्यापारिक,आर्थिक लाभ के साथ साथ ज्ञान व दीक्षा,मंत्र आदि के लिए विशेष शुभ होता है और शीघ्र सम्पूर्ण मनोकामनाये पूर्ण करता है।
इस बार पौष पूर्णिमा पुष्यामृत योग में है। इस दिन सूर्य व चन्द्रमा एक दूसरे के ठीकआमने- सामने होंगे चन्द्रमा अपनी कर्क राशि मे होगा तो सूर्य मकर राशि मे दोनों में 180 अंश की दूरी रात्रि ठीक 12:45 बजे बनेगी। पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को समर्पित की जाती है। इसलिए पौष मास की पूर्णिमा तिथि होने से इसका महत्व बढ़ जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा व्रत का संकल्प कर करनी चाहिए। सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ फलकारी माना जाता है, जबकि चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा कर अर्घ देकर व्रत का पारण करना चाहिए।
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