कहते हैं कि शनि के प्रभाव क्षेत्र में जो ग्रह आता है या जो व्यक्ति वस्तु आती है उसका प्रभाव धीमा हो जाता है सनी ने अपनी दृष्टि से किस को प्रभावित नहीं किया चाहे राजा हो या रंक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को शनिदेव का पिता कहा जाता है सूर्य देव 14 जनवरी को अपने पुत्र शनि के घर दक्षिणायन से उत्तरायण गति करते हुए आ रहे हैं ।
यह जानकारी ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने देते हुए कहा कि मकर राशि में सूर्य और शनि दोनों का मिलन यह 30 वर्ष बाद हो रहा है सन 1992, 1961, 1930, और 1900 में भी इन दोनों की मुलाकात मकर राशि में हुई थी आएंगे सन 2050 मैं भी इनकी मुलाकात मकर राशि मे पूरी राशिओं का चक्कर लगाकर होगी ।
इन दोनों ग्रहों की 30 वर्षों के अंतराल की मुलाकात को कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में दो बार और कुछ-कुछ व्यक्ति तीन बार और कोई ऐसा भाग्यशाली व्यक्ति ही चार बार सूर्य और शनि की युति एक ही राशि में देख सकता है।
इस बार 14 जनवरी गुरुवार को सूर्य शनि से मकर राशि में आकर मिलन किया है इस दिन मकर राशि में चंद्रमा, बुध, और गुरु भी हैं इस प्रकार पंचग्रही योग और चतुर ग्रही योग पूरे जनवरी-फरवरी में और फरवरी में 6 ग्रह योग भी 10 और 11 फरवरी को बनेंगे। जैन ने इन चतुर्ग्रही, पंचग्रही और 6 ग्रही योग के फलों को देश-दुनिया के लिए अच्छा नहीं कहा ।
जैन ने कहा 15 फरवरी तक का समय ठीक नहीं कहा जा सकता शनि की चपेट में होंगे चार-पांच ग्रह जिनका सूर्य व शनि के साथ मंगल ग्रह से केंद्रीय एवं राहु ग्रह से नवम पंचम योग बनता रहेगा।जो बड़ा हानिकारक है।
हो सकता है पश्चिमी देशों में भूकंप अग्नि की दुर्घटनाएं समुद्री प्रदेशों में हानि उत्तर भारत में वायु वेग से वर्षा ओलों से बड़ी हानि फसलों को हो सकती है तिलहन, तेल, लोहा, गुड़, शक्कर, सोना, चांदी, में तेजी बन सकती है पश्चिमी देशों में उपद्रव अशांति एवं युद्ध जैसे हालात किन्ही घटनाओं से निर्मित हो सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें