गणतंत्र दिवस के मौके पर 30 बंदियों को मिली जेल से आजादी,आजाद होते ही परिवार से लिपट गये

  रविकांत दुबे AD News 24 

ग्वालियर। केन्द्रीय जेल की चार दीवारी में कैद 30 बंदियों को मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर आजाद किया गया तो उनकी आंखें नम हो गयी। जेल की चौखट से आजादी के नीचे कदम रखते ही मानों जज्बात फूट पड़े हो। अपनों को देखकर आंखों से आंसू बहने लगे तो रिहा होने वाले बंदियों को उनके परिजन लेने पहुंचे थे। इस बीच बंदियों ने कहा कि अपराध एक करता है बर्बाद पूरा परिवार होता है। एक अपराध पूरी जिन्दगी खराब कर देता है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस वर्ष भी जेल में अच्छे व्यवहार वाले 30 बंदियों को ग्वालियर की केन्द्रीय जेल में झण्ड़ावदन के बाद आजाद कर दिया गया। जेल प्रबंधन ने इससे पूर्व जेल में श्रीफल देकर बेहतर भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में जेल अधिकारियों के साथ ही सामाजिक संस्थाओं के सदस्य और अन्य बंदी मौजूद थे। यहां जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बंदियों को नये जीवन के लिये बधाई दी। जैसे ही बंदियों ने जेल से बाहर कदम रखा तो वह सुबह से इंतजार में बैठे उनके परिजन उनसे लिपट गये।

इन कैदियों को किया रिहा

रणवीर पुत्र रामदयाल, बारेलाल पुत्र छविराम, दुर्गा पुत्र मायाराम, शिवमोहन उर्फ तुइंया पुत्र मुख्त्यार सिंह, विपिन पुत्र जगदीश, भगवान् सिंह पुत्र रतनलाल, छुट्टन उर्फ नरेश पुत्र बच्चू सिंह, हरिराम पुत्र फूल सिंह, मनोज पुत्र मुंशीलाल, कल्लू उर्फ कल्याण पुत्र मुंशीलाल, लखन पुत्र मंजू, गजेन्द्र पुत्र हरिराम, रमेश पुत्र रामनारायण, बालकिशन पुत्र दीवान, जगदीश पुत्र माधोसिंह, शेरसिंह उर्फ मुलु पुत्र मुकुट सिंह , गुड्डू उर्फ़ आज़ाद पुत्र बाबू खान, उम्मेद पुत्र छोटेलाल, राजेश पुत्र विजयराम, सुधीर पुत्र बलवीर दोष, रामदास पुत्र मवासीराम, शंकर पुत्र भूरे, बलवीर पुत्र अमृतला, रामकिशन पुत्र भग्गू, ग्यासी पुत्र लालाराम, नरेश पुत्र दयाशंकर, पातीराम पुत्र बेजू, पर्वत पुत्र ईश्वरी, रामकिशन पुत्र सुनका और कालिया पत्नी भीमा को रिहा किया गया।

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