नई दिल्ली।साल 2021-22 के बजट में मिडिल क्लास और छोटी-मझोली कंपनियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से कहा है कि बजट में ऐसे उपाय किए जाएं, जिससे मिडिल क्लास की जेब में कुछ रुपए आएं।
पार्टी ने छोटी कंपनियों के लिए कच्चे माल पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग भी की है। देश की 135 करोड़ की आबादी में करीब 30 करोड़ लोग मिडिल क्लास में आते हैं। वहीं, 6.33 करोड़ यूनिट्स में से लगभग 6 करोड़ माइक्रो यूनिट हैं।
मिडिल क्लास परिवार परेशान, उन्हें मदद की जरूरत
पार्टी में आर्थिक मामलों का को-ऑर्डिनेशन देखने वाले गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि मिडिल क्लास परिवार इन दिनों काफी परेशानियों से गुजर रहे हैं। इसलिए, उन्हें मदद की जरूरत है। अगर बजट में ऐसे उपाय किए जाते हैं, जिनसे इन परिवारों की खर्च करने की कैपेसिटी बढ़ सके, तो इंडस्ट्री को भी मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने दिया मिडिल क्लास का ध्यान रखने का भरोसा
अग्रवाल ने कुछ दिनों पहले पार्टी की तरफ से बजट पर सुझाव देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। उन्होंने यह तो नहीं कहा कि बजट में क्या उपाय किए जा सकते हैं, लेकिन यह जरूर कहा कि बजट में मिडिल क्लास का ख्याल रखा जाएगा।
इधर, पार्टी के इस सुझाव पर वित्त मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश मल्होत्रा ने कहा कि एक फरवरी को संसद में बजट पेश किए जाने से पहले कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की जाएगी।
छोटी कंपनियों इंपोर्ट ड्यूटी में राहत मिल सकती है
अग्रवाल ने बताया कि छोटी और मझोली इकाइयों के लिए सरकार कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर सकती है। इनमें कॉपर और दूसरे मेटल शामिल हैं। अग्रवाल के मुताबिक, कच्चे माल की कीमत मांग की वजह से नहीं बढ़ रही है। ऐसा सप्लाई की दिक्कतों की वजह से हो रहा है। एक अन्य सुझाव कंपनियों के प्लांट की मशीनरी पर डेप्रिसिएशन एलाउंस बढ़ाने का है। इससे कंपनियों पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा।
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