आईटीएम यूनिवर्सिटी में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

व्याख्यान, काव्य पाठ, पुष्पार्पण और पोस्टर प्रजेंटेशन रहे खास, एनसीसी व नेवल कैडेट्स ने दी सलामी

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर । किसी मतलब का वो खून नहीं, जिसमें उबाल उसके देश का नाम नही...नेताजी सुभाषचंद्र बोस के इस वाक्य को अपनी कविता के जरिए कई जज्बो को साथ बयां कर रही थीं आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर की स्टूडेंट खुशबू बैस। जो सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर आयोजित ’पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम में ऑनलाइन काव्य पाठ कर रही थीं। यह कार्यक्रम आईटीएम की आर्मी व नेवल (गर्ल्स एंड बॉयज) ने विशेषतौर पर आयोजित किया। दो चरणों में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में सबसे पहले पुष्पांजलि रखी गई। जिसमें आईटीएम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो डॉ रंजीत सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में सभी ने सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्पार्पित किए। इस मौके पर दोनो विंग के कैडेट्स ने सलामी भी दी। स्टूडेंट शालिनि सिंह ने पोस्टर प्रजेंटेशन के दौरान सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी दर्शाई। इस कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर चीफ प्रोक्टर प्रो डॉ मुकेश पांडे, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ शशिकांत गुप्ता, कॉर्डिनेटर लेफ्टिनेंट अमनदीप कौर, तृप्ति पाठक, लेफ्टिनेंट डॉ शिवओम सिंह, डॉ मयंक चतुर्वेदी मौजूद रहे। 

ऑनलाइन वर्चुअल कैम्पस ’तत्व’ पर हुआ व्याख्यान व काव्य पाठ

दूसरे चरण में आईटीएम के ऑनलाइन वर्चुअल कैम्पस ’तत्व’ पर आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर की वुमन एम्पावरमेंट सेल की कन्वेनर गीतांजलि सुरंगे ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन आदर्शों पर चर्चा करते हुए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पराक्रम दिवस नेताजी सुभाषचंद्र बोस क नाम पर ही शुरू करने का मुख्य कारण है कि उन्होंने स्वयं अपनी यूथ आमी विंग बनाई, कई रूकावटों के बीच उन्होंने अन्य आर्मी से स्वयंनिर्भर होकर ट्रेनिंग कराई। खासकर चुनौतीपूर्ण स्थिति में वे अपना कार्य बेहतर करके दिखाते थे, जहां गलत हो रहा है, वे अपनी आवाज उठाते थे। उनकी इस लीडरशिप क्वालिटी के कारण ही उन्हें नेताजी कहा जाता था। आज के युवा देश निर्माण की आधारशिला हैं, नेताजी के सुझाए मार्ग पर चलकर आप स्वयं का एवं देश का भविष्य निर्माण करें। खासकर गंभीर स्थिति में इनोवेटिव समाधान देखकर स्वयं शुरूआत करें, अन्य अपने आप जुड़ते चले जाएंगे। 

वहीं स्टूडेंट चित्रा सिंह ने नेताजी द्वारा गठित आजाद हिंद फौज पर काव्य पाठ और हर्षिता नंदन ने स्वतंत्रता आंदोजन में सुभाष चंद्र बोस का योगदान विषय पर विचार रखे। 

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