बेटियों को संरक्षण व सुरक्षा के साथ आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता: पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता

रविकांत दुबे AD News24

बेटी संरक्षण दिवस पर बच्चों को वितरित की पाठ्य सामाग्री



ग्वालियर। आज बेटियां हर वो काम कर सकती है, जिसके लिए मां-बाप बेटों पर निर्भर होते हैं। इसलिए बेटियां को भी वही संस्कार, लालन-पालन व शिक्षा दें, जो हम बेटों के लिए सोचते हैं। सभी को अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा और ठोस कदम उठाने होंगे।‘‘ बेटियों को बचाने और आगे बढ़ाने सहित आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज को भी चिंता करने की जरूरत है। उक्त आशय के विचार पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने आज बुधवार को बेटी संरक्षण दिवस पर विवेकानंद नीडम में आयोजित बेटी पढाओ, बेटी बचाओ नवाचार कार्यक्रम में अभावग्रस्त बच्चों पाठ्य सामाग्री वितरण के दौरान कही।

        पूर्व महापौर श्रीमती गुप्ता ने बताया कि 16 दिसंबर 2012 को निर्दयता की पराकाष्ठा को लांघते हुए दिल्ली में पैरामेडीकल की छात्रा के साथ हुई सामूहिक बर्बरता के बाद 13 दिन जिंदगी से जंग लडते हुए निर्भया 29 दिसंबर 2012 को जिंदगी से हार गईं और पूरे देश में बेटियों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक कर गई। तब मैने उस समय ग्वालियर की प्रथम नागरिक होने के नाते शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर निर्भया जैसी करोडों प्रतिभावान बेटियों की सुरक्षा व संरक्षण के प्रति समाज को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष 30 दिसंबर को बेटी संरक्षण दिवस आयोजित कर समाज में जरुरतमंद बेटियों की सहायता करने का संकल्प लिया।

       इसी तारतम्य में इस वर्ष भी विवेकानंद नीडम में आयेाजित कार्यक्रम में 250 से अधिक गरीब एवं जरुरतमंद बच्चों को निशुल्क पाठ्य सामाग्री वितरित की गई, जिससे वह अभावों के बीच भी पढ लिखकर समाज को नई दिशा प्रदान कर सकें।

        पूर्व महापौर श्रीमती गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि हम सभी का निरंतर यह प्रयास होना चाहिए कि बेटी के संरक्षण के साथ ही उन्हें शिक्षित करें। उन्होंने कहा कि बेटियां भी प्रकृति का ही एक हिस्सा है यदि हम प्रकृति से खिलबाड करेगें तो समाज का पतन होना निश्चित हैं। घर की बेटी को संस्कारित करने की चिंता हम सबकी होती है, लेकिन यदि हम बेटों को भी संस्कारित करने की चिंता कर लें तो देश में निभर्या कांड जैसी घटनाएं अपने आप ही कम हो जाएंगी। इसलिए हमें बेटियों के साथ बेटांे को भी पढाने की आवश्यकता है।

        उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज ंिसह चैहान ने बेटियों की चिंता करते हुए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ का नारा दिया जो कि आज देशभर में गूंज रहा है। उन्होंने कहा कि हम आज भी बेटियों को बेटों से बराबरी का दर्जा नहीं दे पा रहे हैं यही कारण है कि आज भी बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या कम है।

समाजसेवी शिक्षकों का किया सम्मान

        कार्यक्रम के दौरान कोरोना जैसी महामारी के बीच भी गरीब बच्चों के बीच जाकर लगातार शिक्षा का प्रकाश फैलाने वाले समाजसेवी शिक्षकों का सम्मान किया गया। जिसमें सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री ओ पी दीक्षित, श्री पवन दीक्षित, श्री मनोज पांडे, श्रीमती भारती एवं सुश्री आरती सहित अन्य शिक्षक शामिल रहे।

      इस अवसर पर समाजसेवा के क्षेत्र में निरंतर कार्य करने वाली विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती डॉक्टर वीणा प्रधान, श्रीमती नीलम गुप्ता, श्रीमती अंजली बत्रा, श्रीमती जानवी रोहिरा, श्रीमती भारती राजौरिया, श्रीमती मोना शर्मा, श्रीमती ममता जी, श्रीमती सुमन दीक्षित, श्रीमती रजनी भदौरिया, श्रीमती ज्योति अग्रवाल, श्रीमती रशमी अग्रवाल, श्रीमती रितू भार्गव, श्री राजेश ऐरन, श्री विनोद साहू सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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