मुरैना । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को मुरैना में हुई खाट महापंचायत में कहा कि केंद्र सरकार ने जो 3 कृषि बिल पास किए हैं, वह देश के लिए काला अध्याय हैं। केंद्र की मोदी सरकार बंधुआ किसानों का निर्माण करना चाहते हैं, ताकि वे अपने उद्योगपति दोस्तों को लाभ पहुंचा सकें। आगरा-मुंबई हाईवे पर हुई खाट महापंचायत में सभी किसान हाइवे किनारे खाट बिछाकर बैठे थे।
कमलनाथ ने कहा, पहले देश में अमेरिका से गेहूं आयात होता था, लेकिन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कृषि कानूनों में सुधार किए, मंडी व्यवस्था लागू की, फसलों पर समर्थन मूल्य दिया। नतीजा सबके सामने है। आज हमारे यहां पैदा हुआ अनाज विदेशों में निर्यात हो रहा है। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों को मंडी का स्टेटस दिया जाएगा। आज सोयाबीन का भाव 4 हजार रुपए क्विंटल है, जिसे उद्योगपति 500 रुपए कम देकर खरीदेंगे और इसी सोयाबीन का तेल निकालकर 6 से 7 हजार क्विंटल में बेचेंगे।
साथ ही, समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। सोसाइटियां खत्म होने पर खाद-बीज सीधे उद्योगपतियों के हाथ में पहुंच जाएगा। जब किसान पर खाद-बीज नहीं होगा, तो किसान उद्योगपतियों से कहेंगे कि हमें खाद-बीज दे दो, हम आपके लिए खेती करेंगे, यही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार बंधुआ किसान का निर्माण करना चाहती है। खाट महापंचायत को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्वमंत्री लाखन सिंह यादव, जयवर्धन सिंह सहित आधा दर्जन नेताओं ने संबोधित किया।
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