जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन को निर्देश
रविकांत दुबे AD News 24
ग्वालियर । संक्रामक रोगों एवं महामारी की घटनाओं की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सतत् रूप से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि एहतियाती व्यवस्थाएं होने से संक्रामक रोगों, महामारी से बचाव और नियंत्रण प्रभावी ढंग से होता है।
स्वास्थ्य आयुक्त ने निर्देश में कहा है कि प्रदेश में जल-जनित रोगों के प्रकरण व महामारी की रोकथाम के लिये शुद्ध पेयजल के उपयोग करने के लिए आमजन को समझाईश दें। यह कार्य स्वास्थ्य, शिक्षा, मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता जैसे- आशा, आशा सहयोगी, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एलएचव्ही, सेक्टर सुपरवाइजर, वीईई, वीसीएमडीसीएम आदि लगातार करें। ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल सभी आमजन को उपलब्ध हो इसके लिए जिलों में उपलब्ध सभी पेयजल स्रोतों व समस्यामूलक ग्रामों की विकासखण्ड-वार और ग्राम-वार सूची तैयार रखें।
पेयजल स्रोतों और शुद्ध पेयजल उपलब्धता की समीक्षा प्रत्येक माह करें। पीने के पानी के कुँओं का प्रतिमाह क्लोरीनेशन किया जाए। इसका रिकार्ड भी संधारित कराया जाये। दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि आंत्रशोध जैसी संक्रामक बीमारी के फैलने की आशंका पर जल शुद्धिकरण प्रतिदिन कराना सुनिश्चित करें। हेण्डपम्प व अन्य जल-स्रोतों के शुद्धिकरण की व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं पंचायत विभाग से समन्वय के साथ कार्य करवाएं।
प्रत्येक ग्राम आरोग्य केन्द्रवार आशा को आवश्यक औषधियों जैसे- ब्लीचिंग पाउडर, जीवन-रक्षक घोल, क्लोरीन की गोलियाँ, क्लोरोक्वीन की गोलियाँ, पेरासिटामाल की गोलियाँ, मेट्रोजिल की गोलियाँ आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा सेक्टर मीटिंग के दौरान आशाओं का आवश्यकता अनुसार उन्मुखीकरण किया जाना सुनिश्चित करें।
मेडिकल कॉलेज, जिला एवं विकासखण्ड-स्तर पर गठित की गई कॉम्बेट टीमों की अद्यतन जानकारी राज्य-स्तर पर प्रेषित करें। मेडिकल कॉलेज व जिलों की आरआरटी टीम में एक मेडिकल विशेषज्ञ, लोक स्वास्थ्य अधिकारी, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, पैरामेडिकल एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, वाहन एवं वाहन चालक रखें।
विकासखण्ड-स्तर की कॉम्बेट टीम में एक मेडिकल ऑफिसर, एक कम्पाउण्डर/स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, वाहन एवं वाहन-चालक रखें। जीवन-रक्षक औषधियों का पर्याप्त स्टॉक सदैव रखा जाये। ये टीमें बीमारी की सूचना प्राप्त होते ही प्रभावित क्षेत्र में उपचार एवं रोकथाम/नियंत्रण कार्य हेतु तत्काल पहुँचे।
प्रचार-प्रसार के माध्यम से जन-साधारण को बीमारियों से बचाव हेतु जागरूक किया जाये। समय-समय पर ग्राम पंचायतों के सदस्यों की बैठक आयोजित कर उन्हें भी बीमारियों की रोकथाम एवं समुचित उपचार के संबंध में जानकारी दी जाये।
सभी समस्यामूलक ग्रामों में आशा के पास निर्धारित आवश्यक औषधियाँ सदैव उपलब्ध रहें। ब्लॉक कम्यूनिटी मोबिलाइजर एवं जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर सतत् मैदानी भ्रमण कर वस्तु-स्थिति ज्ञात करें एवं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। आशा सहयोगी आशा के कार्य का सुपरविजन कर सहयोग प्रदान करें। खण्ड विस्तार प्रशिक्षक (बीईई) व्हीएचएसएनसी दिवस एवं समुदाय में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता में सहयोग करें।
जिले में नगरपालिका, नगर निगम, नगर पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आदि द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग का दायित्व है कि उपरोक्त विभागों की जल-प्रदाय में शुद्धिकरण पर सतत् निगरानी रखी जाये। आवश्यकता होने पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए इसकी सूचना जिला कलेक्टर एवं संचालनालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। किसी भी संक्रामक रोग एवं महामारी की रोकथाम तथा उपचार के लिये हमेशा सतर्क रहें। यदि जिले में कोई महामारी होती है तो इसके नियंत्रण के उपाय तत्परता से किये जायें। घटना का विस्तृत विवरण और की गई कार्रवाई से संचालनालय को शीघ्र अवगत कराना सुनिश्चित करें।
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