सोमवार, 11 जनवरी 2021

डीआरडीई:प्रशासन का सीमांकन पूरा, अब रक्षा मंत्रालय से आएंगे अफसर


ग्वालियर। डीआरडीई को महाराजपुरा स्थित 140 एकड़ जमीन आवंटन के मामले में प्रशासन ने अपना सीमांकन पूरा कर लिया है। अब रक्षा मंत्रालय की ओर से अधिकारियों के आने का इंतजार है, जो डीआरडीई के साथ भ्रमण करेंगे। प्रशासन ने कहा है कि अब डीआरडीई अपनी जमीन काे बाउंड्रीवाल या दूसरे माध्यम से सुरक्षित करे। इसके लिए जब प्रशासन की टीम की जरूरत होगी तो ज्वाइंट सर्वे करा लिया जाएगा। डीआरडीओ मुख्यालय को डीआरडीई इस जमीन के मामले में पूरी रिपोर्ट भेज चुका है।

ज्ञात रहे कि हाल ही में डीआरडीई को राज्य सरकार की ओर से 140 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। कैबिनेट में यह प्रस्ताव पास हो चुका है, जिसके बाद शासन से आवंटन किया गया है। महाराजपुरा क्षेत्र में यह 140 एकड़ जमीन है, जिसमें कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की ओर से स्थानीय आवंटन पत्र भी जारी किया जा चुका है। डीआरडीई के 200 मीटर के दायरे में आने वाली संपत्तियों को तोड़ने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे, जिसमें निजी संपत्तियों सहित राज्य व केंद्र की संपत्तियां भी आ रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अक्टूबर को हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तुड़ाई के आदेश दिए गए थे। रोक लगाने से सिटी सेंटर व आसपास के क्षेत्र की नौ हजार करोड़ की संपत्ति टूटने से बच गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र शासन, याचिकाकर्ता, डीआरडीई के डायरेक्टर, नगर निगम व कलेक्टर से जवाब तलब भी किया था। राजेश भदौरिया ने 2015 में डीआरडीई के 200 मीटर के दायरे में अवैध निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका का निराकरण 28 मार्च 2019 को किया था और नगर निगम व प्रशासन को आदेश दिया था कि 2005 के बाद 200 मीटर के दायरे में जितने भी अवैध व वैध शासकीय और निजी भवन हैं, उन्हें तोड़ा जाए। इस आदेश के बाद 142 निर्माणों पर टूटने का खतरा मंडराने लगा। शासन व निगम ने पुनर्विचार याचिका भी लगाई, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई और सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया।


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